इंदौर। पटेल नगर (Patel Nagar) में हुए बावड़ी हादसे (Bawdi Incident) में पुलिस (Police) ने मंदिर (Temple) के ट्रस्टी (Trustee) और सचिव पर गैरइरादन हत्या का केस तो दर्ज कर लिया, लेकिन कोर्ट में आरोप सिद्ध करने के लिए पुलिस (Police) तकनीकी बिंदुओं पर उलझ रही है, जिसके चलते दोनों की गिरफ्तारी में ढील दी जा रही है, क्योंकि जल्दबाजी में गिरफ्तारी (Arrest) से उन्हें जमानत का लाभ मिल सकता है। हालांकि दोनों को आरोपी बनाने का लोग विरोध भी कर रहे हैं।
इस हादसे में 36 लोगों की जान चली गई थी। हादसे के बाद कई आरोप-प्रत्यारोप लगे। प्रशासन (Administration) ने मंदिर को अवैध बताते हुए ढहा दिया था, जिसका रहवासियों ने विरोध किया था। प्रशासन ने हादसे की जिम्मेदारी का ठीकरा मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव पर फोडक़र उनके खिलाफ गैरइरादन हत्या का केस दर्ज कर लिया। सचिव खुद हादसे में घायल हुए थे, जबकि अध्यक्ष पहले से हादसे का शिकार होकर घायल हैं। दोनों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चूंकि आयोजक होने के नाते दोनों को आरोपी बनाया है, लेकिन बावड़ी की स्लैब इनकी लापरवाही से गिरी यह कोर्ट में साबित करना मुश्किल है, क्योंकि बावड़ी के ऊपर स्लैब किसने डाली यह सालों पुरानी बात है, इसका कोई रिकॉर्ड भी नहीं है। हालांकि अब तो मंदिर को तोड़ दिया गया है और बावड़ी को मलबे से ढंक दिया है, जिससे और भी सबूत जुटाना मुश्किल है। उधर मामले की मजिस्ट्रियल जांच की जा रही है, लेकिन पुलिस को चिंता है कि ट्रस्ट के अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ जब कोर्ट में चालान पेश किया जाएगा तो उन्हें कैसे आरोपी साबित किया जाएगा। पुलिस कानून के जानकारों से इस मामले में मशविरा करेगी कि दोनों की जिम्मेदारी कैसे तय की जा सके।
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