मैरियूपोल/कीव। काला सागर (Black Sea) में करीब एक सप्ताह पहले डूबे रूसी युद्धपोत (Russian battleship) मोस्कवा (Moskva) को लेकर रूस ने अब मान लिया है कि यह पोत यूक्रेन के मिसाइल हमले (Ukrainian missile attack) से तबाह होकर डूबा था। रूसी रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा है कि नष्ट हुए इस युद्धपोत में उसके एक सैनिक की मौत हो गई थी और 27 अन्य लापता हो गए। मंत्रालय ने कहा कि हालांकि इस दौरान 396 अन्य लोगों को बचा लिया गया।
मंत्रालय ने कहा कि घटना के तुरंत बाद जहाज के पूरे चालक दल, जो मीडिया रिपोर्ट में तकरीबन 500 लोग बताए गए थे, उन लोगों को बचा लिया गया। हालांकि रूसी मंत्रालय ने विरोधाभासी रिपोर्टों के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
ब्लैक फ्लीट का प्रमुख पोत, मिसाइल क्रूजर जैसे हथियार आदि का इस तरह नष्ट हो जाना रूस के लिए एक बड़ा नुकसान था। इससे पहले रूस ने शुक्रवार को जहाज पर हमले की बात स्वीकार नहीं की थी। बल्कि रूस ने यही कहा था कि गोला बारूद में विस्फोट के बाद आग लग गई थी, विस्फोट के संबंध में अधिक जानकारी भी नहीं दी थी।
उपग्रह तस्वीरों में दिखी 200 सामूहिक कब्रें
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के मैरियूपोल शहर पर जीत के दावे के बाद जंग के 58वें दिन इस बंदरगाह शहर के ठीक बाहर 200 सामूहिक कब्रों के निर्माण का पता चला है। मैक्सार कंपनी की उपग्रह तस्वीरों में ये कब्रें स्पष्ट दिखाई दे रही हैं। जबकि यूक्रेनी अफसरों ने कहा है कि राजधानी से रूसी सेना हटने के बाद 1000 से ज्यादा नागरिकों के शव मिले हैं जिन्हें कीव के मुर्दाघर में रखा गया है।
मैरियूपोल के लोगों का दावा है कि रूस ने शहर कब्जाते समय 9000 लोगों की हत्या की और उनके पार्थिव शरीर इन्हीं सामूहिक कब्रों में दफना दिए। उपग्रह तस्वीरों में दिखी 200 सामूहिक कब्रों का विश्लेषण करते हुए मैक्सार कंपनी ने कहा कि ये सामूहिक कब्रें मार्च के मध्य में खोदी गईं और इन्हें लगातार बढ़ाया जाता रहा।
मैरियूपोल के मेयर वदयम बोयचेंको ने आरोप लगाया कि रूसी सेना मानहूश में सैन्य अपराधों को छिपा रही है। यहां मैरियूपोल में मारे गए लोगों के शव दफनाए गए हैं। उधर, कीव के आसपास से रूसी सेना के हटने के बाद क्षेत्र में की गई खोज के दौरान 1,020 लोगों के शव मिले हैं। यूरो-अटलांटिक इंटीग्रेशन ऑफ यूक्रेन के उप प्रधानमंत्री ओल्गा स्टेफनिश्ना ने बोरोड्यांका में बताया, ये शव इमारतों व सड़कों से एकत्रित किए गए हैं।
लोगों पर अत्याचार किए गए
कीव के क्षेत्रीय गवर्नर अलेक्जेंडर पावलियुक ने कहा कि लोगों को या तो मौत के घाट उतार दिया गया या उन्हें मारने से पहले उन पर कई अत्याचार किए गए। उन्होंने कहा, फोरेंसिक विशेषज्ञ अब शवों की जांच कर रहे हैं, लेकिन हमने देखा कि हाथ पीठ के पीछे बंधे हुए थे, उनके पैर बंधे हुए थे, अंगों और सिर के पिछले हिस्से में गोली मार दी गई। यह बेहद खतरनाक था।
करीब 100 फुट लंबी हैं मानहुश की सामूहिक कब्रें
मैरियूपोल के मेयर के सलाहकार पेट्रो ने बताया कि रूसी सेना ने शहर के पश्चिमी कस्बे ‘मानहूश’ में कई सामूहिक कब्रें करीब 100 फुट लंबी खोदी हैं। उन्होंने कहा कि यहां शवों को ट्रक में भरकर लाया गया और सीधे कब्रों में डंप कर दिया। पेट्रो ने इन्हें युद्ध अपराध का सीधा साक्ष्य बताया और कहा कि उसे छिपाने की कोशिश भी की गई। यूक्रेनी अफसरों का दावा है कि मैरियूपोल में रूसी सेना की बमबारी से सड़कों पर ही 20 हजार लोग मारे गए हैं। इसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं। इन लाशों को अब गायब कर दिया गया है।
कब्जाए क्षेत्रों में झूठे जनमत की तैयारी : यूक्रेन
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूस अपने कब्जे में लिए दक्षिणी इलाकों खेरसान और जापोरिझिया में झूठा स्वतंत्रता जनमत कराने की योजना बना रहा है। जेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में इन इलाकों के निवासियों को अपनी निजी जानकारी जैसे पासपोर्ट नंबर वगैरह रूसी सेना को न देने की अपील की है। उन्होंने कहा, यदि ऐसा रूसी कोई आदेश आए तो यह आपकी मदद के लिए नहीं, बल्कि झूठे जनमत संग्रह के लिए होगा।
कमला हैरिस, जुकरबर्ग के रूस आने पर रोक
रूसी विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उसने अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस, मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग और 27 अन्य अमेरिकियों के अपने देश में प्रवेश पर रोक लगा दी है। मंत्रालय ने कहा, बाइडन प्रशासन द्वारा बढ़ाए जा रहे रूस विरोधी प्रतिबंधों के जवाब में यह कदम उठाया गया है।
13,000 सैनिकों की मौत स्वीकार कर रूस ने ट्वीट हटाया
यूक्रेन में शुरू की गई जंग को लेकर रूस ने मान स्वीकार किया कि इस युद्ध में उसके 13,414 सैनिक मारे गए हैं। क्रेमलिन समर्थक मीडिया रेडोव्का द्वारा किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, हमले में सात हजार रूसी सैनिक अब भी लापता हैं। इसकी पुष्टि रूसी रक्षा मंत्रालय की गोपनीय ब्रीफिंग में भी हुई, लेकिन रेडोव्का ने बाद में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।
अमेरिका की रूसी जहाजों पर पाबंदी
राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस के और रूस से संबंधित कंपनियों के मालवाहक जहाजों के अमेरिकी बंदरगाहों में प्रवेश पर रोक लगा दी। ये जहाज अमेरिकी बंदरगाहों पर न तो माल उतार सकेंगे और न वहां से माल का लदान कर सकेंगे। बता दें, 2021 में रूस के 1,800 जहाज अमेरिकी बंदरगाहों पर आए थे। अमेरिका ने रूस के 40 से ज्यादा लोगों, कंपनियों और एक बैंक पर भी प्रतिबंधों का एलान किया।
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