नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। ऐस में सरकार बुजुर्गों और हाई रिस्क वाले वर्कप्लेस पर काम कर रहे लोगों को आपातकालीन स्थिति में कोविड-19 वैक्सीन दिए जाने पर विचार कर सकती है। केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने खुद रविवार को ‘संडे संवाद’ नाम के सोशल मीडिया इंटरेक्शन में इस बात का जिक्र किया है।
अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन ट्रायल का फाइनल फेज पूरा होने में अभी छह से नौ महीने लग सकते हैं। ऐसे में एक बार वैक्सीन की प्रभावशीलता और सुरक्षा को सुनिश्चित कर लिया जाए तो ‘फास्ट ट्रैक वैक्सीन’ यानी आपातकालीन स्थिति में गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को वैक्सीन देने का काम शुरू किया जा सकता है। बता दें कि केंद्रिय स्वास्थ्य मंत्री का ये बयान ऐसे वक्त में सामने आया है, जब भारत 48 लाख कोरोना संक्रमितों की संख्या के साथ अमेरिका के बाद दूसरे पायदान पर खड़ा है। हालांकि मध्य अगस्त से भारत में अमेरिका से भी ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इस महीने देश में कोरोना से हर रोज 1,000 से ज्यादा मौतें हो रही हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि फास्ट ट्रैक वैक्सीन की मदद से ट्रायल के तीसरे चरण में लगने वाला समय घटाया जा सकता है। हालांकि क्लीनिकल ट्रायल के किसी भी हिस्से को अधूरा नहीं छोड़ा जा सकता। वैक्सीन तभी उपलब्ध होगी, जब सरकार उसकी सुरक्षा और प्रभावशीलता को सुनिश्चित कर ले।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर भरोसे का संकट हुआ तो वे कोरोना वायरस की वैक्सीन का पहला डोज लेने के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में वैक्सीन कब तक तैयार हो सकती है। हर्षवर्धन ने कहा कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में वैक्सीन पर काम हो रहा है। कौन सी वैक्सीन सबसे अच्छी और कारगर साबित होगी, ये नहीं कहा जा सकता है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन जारी करने की कोई तारीख निर्धारित नहीं की गई है। हर्षवर्धन ने कहा कि वैक्सीन आने के बाद देश में जिन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन की जरूरत है- जैसे हेल्थ केयर वर्कर, बुजुर्ग, कमजोर इम्युनिटी वाले लोग या ऐसे लोग जिनको अन्य दूसरी गंभीर बीमारी हैं, तो सबसे पहले वैक्सीन उनको लगनी चाहिए और मैं समझता हूं कि मैं उस कैटेगरी में नहीं आता।
वैक्सीन कब आ सकती है। इस सवाल के जवाब में डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि अभी देश और दुनिया में ट्रायल चल रहे हैं और हम अभी यह नहीं कह सकते कि कौन सी वैक्सीन सबसे ज्यादा प्रभावशाली और सुरक्षित साबित होगी, लेकिन संभावना है कि साल 2021 की पहली तिमाही तक हमें अलग-अलग वैक्सीन ट्रायल का नतीजा पता चल जाए।
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