तेल अवीव. इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के युद्ध के बीच दुनिया दक्षिणी गाजा पट्टी (Southern Gaza Strip) में बसे राफा (Rafah) शहर की तबाही देख रही है. हाल ही में शरणार्थी शिविर पर हमले के लिए इजरायल की कई देशों ने आलोचना की थी. बाद में इजरायली पीएम नेतन्याहू (PM Netanyahu) ने संसद में इसे एक ‘दुखद गलती’ बताया था. सैटेलाइट तस्वीरों (Satellite images) में राफा पर इजरायल की एयर स्ट्राइक के बाद के दृश्य देखे जा सकते हैं.
इजरायली हमले में मारे गए 45 लोग
मैक्सार टेक्नोलॉजीज की ओर से बुधवार को जारी सैटेलाइट तस्वीरों में इजरायली हवाई हमले से पहले और बाद के राफा को देखा जा सकता है. रविवार 26 मई को हुए इस हमले में एक शरणार्थी शिविर में आग लग गई थी जिसमें 45 लोग मारे गए थे. इजरायल ने कहा कि उसने एक परिसर में हमास के दो कुख्यात आतंकियों को निशाना बनाया था और उसका इरादा नागरिकों को नुकसान पहुंचाने का नहीं था.
इजरायली हमले में मरने वालों में ज्यादातर बच्चे और महिलाएं थीं. मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने केरेम शालोम बॉर्डर क्रॉसिंग की तस्वीरें भी जारी कीं, जहां शुक्रवार 24 मई को मिस्र ने संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रदान की गई मानवीय सहायता को अस्थायी रूप से गाजा तक पहुंचने की अनुमति देने की प्रतिबद्धता जताई थी.
मिस्र सीमा पर रणनीति क्षेत्र पर कब्जे का दावा
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली सेना का दावा है कि गाजा और मिस्र के बीच सीमा पर एक रणनीतिक क्षेत्र पर उसने नियंत्रण हासिल कर लिया है, जिसे ‘फिलाडेल्फी कॉरिडोर’ के नाम से जाना जाता है. इजरायल डिफेंस फोर्सेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि यहां गाजा में हथियारों की तस्करी के लिए हमास द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली लगभग 20 सुरंगें मिली हैं.
मिस्र के एक टीवी चैनल ने इन दावों को खारिज करते हुए सूत्रों के हवाले कहा कि इजरायल राफा में अपने सैन्य अभियानों को सही ठहराने की कोशिश कर रहा है. मिस्र ने पहले कहा था कि उसने क्रॉस-बॉर्डर सुरंगों को नष्ट कर दिया है, जिससे किसी भी हथियार की तस्करी की संभावना नहीं है.
पहले भी शरणार्थी शिविर को बना चुका है निशाना
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब इजरायल ने किसी शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया है. 24 मई को इजरायली सेना ने खान यूनिस के पास टेंट और शरणार्थी शिविरों पर भी बमबारी की थी. गाजा में फिलिस्तीनी सिविल डिफेंस और राफा में कुवैत अस्पताल के अनुसार, 2 मई को दक्षिणी गाजा शहर में अल-शबौरा शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमले में दो बच्चों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए.
सीएनएन के मुताबिक, इजरायल की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रमुख का कहना है कि हमास को खत्म करने के लिए गाजा में ‘अगले सात महीने लड़ाई’ और चल सकती है. तजाची हानेग्बी (Tzachi Hanegbi) ने बुधवार को इजरायली स्टेशन रेशेत बेट पर एक रेडियो इंटरव्यू में कहा, ‘कैबिनेट में योजनाएं पेश करने के शुरुआती दिनों में ही यह कहा गया था कि युद्ध लंबा चलेगा.’
इजरायल के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर तजाची ने कहा कि इजरायल की वॉर कैबिनेट ने साल 2024 को ‘युद्ध का साल’ करार दिया है. इजरायली अधिकारी की यह चेतावनी उन अटकलों को खारिज करती है जिनमें कहा जा रहा था कि राफा पर एयर स्ट्राइक के बाद इजरायल अपने हमले रोक सकता है. उन्होंने कहा, ‘हम इस समय 2024 के पांचवें महीने में हैं, जिसका मतलब है कि हम हमास को नष्ट करने के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अगले सात महीनों की लड़ाई की उम्मीद करते हैं.’
राफा के भीतर घुसे इजरायली टैंक
यह चेतावनी ऐसे वक्त पर आई है जब हमले को रोकने के लिए बढ़ते वैश्विक दबाव के बावजूद इस महीने की शुरुआत में ऑपरेशन शुरू होने के बाद पहली बार मंगलवार को मध्य राफा में इजरायली टैंक देखे गए. इजरायली सेना का हमला तेज हो गया है. इजरायल के घातक मर्कवा ट्रैंक पहली बार रफाह के अंदर तक घुस चुके हैं. यहां तक कि सिटी सेंटर पर आईडीएफ का कब्जा हो चुका है.
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक मंगलवार की रात तक हुए हमले में 37 लोग मारे गए है. वहीं दोपहर में हुए ड्रोन हमले में 21 लोगों की मौत हुई थी. मरने वालों में 13 महिलाएं भी शामिल हैं. 64 लोग घायल हुए हैं. इनमें से 10 की हालत नाजुक बनी हुई है. इस तरह महज दो दिनों में गाजा के रफाह में 82 बेकसूर फिलिस्तिनीयों की मौत हो चुकी है.
इजरायली सरकार ने पहले संकेत दिया था कि राफा में प्रवेश करना हमास के खिलाफ उसके युद्ध का अंतिम चरण होगा. पिछले साल 7 अक्टूबर को हमास के बड़े हमले के बाद इजरायल ने युद्ध की घोषणा की थी, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोगों को बंधक बना लिया था. फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, जवाब में इजराइल ने गाजा में विनाशकारी हमला किया जिसमें 36,000 से अधिक लोग मारे गए.
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