उज्जैन । उज्जैन जिले में कोरोना से युद्ध स्तर पर लड़ाई जारी है। इस लड़ाई में न केवल शासन-प्रशासन बल्कि निजी क्षेत्र भी सहयोग कर रहा है ।जिले में एक समय एक अप्रैल की स्थिति में शासकीय चिकित्सालय जिनमें माधव नगर अस्पताल ,चरक भवन व आरडी गार्डी अस्पताल को मिलाकर कुल 423 बेड ही उपलब्ध थे । जैसे-जैसे जिले में संक्रमण फैलता गया उसी के अनुरूप स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए गंभीर मरीजों के उपचार की सुविधा हेतु आइसोलेशन ,ऑक्सीजन व आईसीयू बेड बढ़ाने के निरंतर प्रयास होते रहे और आज की स्तिथि में जिले में शाशकीय क्षेत्र में कुल 1651 बेड की सुविधा हो गई है । इसमें 1441 बेड शहरी व 210 बेड की सुविधा ग्रामीण क्षेत्र में विकसित की गई है।
कलेक्टर आशीष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उज्जैन जिले में एक अप्रैल 2021 की स्थिति में शासकीय अस्पतालों में माधव नगर में 89 ऑक्सीजन एवं 34 आईसीयू बेड ,चरक में 100 ऑक्सीजन बेड व आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 114 ऑक्सीजन व 86 आईसीयू बेड सहित कुल 423 बेड ही उपलब्ध थे ।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर निरंतर जिले में कोरोनावायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित करने के प्रयास किए गए। न केवल शासकीय क्षेत्र में बल्कि प्राइवेट क्षेत्र को भी इसमें आगे लाकर निजी नर्सिंग होम में बड़े पैमाने पर कोरोना का उपचार प्रारंभ करवाया गया। आज की स्थिति में जिले में शासकीय व प्राइवेट अस्पताल में कुल मिलाकर 2490 बेड उपलब्ध है । इसमें शासकीय अस्पतालों में शहरी क्षेत्र में 1441 बेड व ग्रामीण क्षेत्र में 210 नए बेड की क्षमता विकसित की गई है । इनमें शहरी क्षेत्र में आइसोलेशन के 461 , ऑक्सीजन के साथ 753 तथा आईसीयू के 227 बेड शामिल है ।इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में आइसोलेशन के 14 ,ऑक्सीजन के 189 तथा 7 आईसीयू बेड तैयार करवाए गए हैं ।
उज्जैन जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर बेड की व्यवस्था की गई
उज्जैन जिले के जनप्रतिनिधियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों द्वारा मिलकर यह तय किया गया कि उज्जैन शहर में संचालित शासकीय अस्पतालों में केवल गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाए ।आसपास की तहसीलों के आइसोलेशन में रखने लायक व ऑक्सीजन के उपयोग से स्वस्थ होने वाले मरीजों को रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में ही चिकित्सा सुविधाएं जिनमे आइसोलेशन बेड व ऑक्सीजन बेड की स्थापना की जाए ।इसके लिए पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध करवाये गए । समन्वित प्रयासों का नतीजा है कि नागदा ग्रामीण क्षेत्र में तहसील स्तर पर नागदा सिविल हॉस्पिटल में दो आइसोलेशन , 18 ऑक्सीजन , तराना में 8 आइसोलेशन व 17 ऑक्सिजन , झारडा में चार आइसोलेशन , महिदपुर में 24 ऑक्सिजन , बड़नगर में 64 ऑक्सीजन , खाचरोद में 20 ऑक्सिजन उन्हेल में 8 ऑक्सीजन बेड , बीमा अस्पताल नागदा में 12 ऑक्सिजन व पलवा घटिया के स्वास्थ्य सेवा केंद्र में 10 ऑक्सिजन बेड की स्थापना की गई है ।
अमलतास अस्पताल में डेढ़ सौ ऑक्सीजन बेड व 30 आईसीयू
उज्जैन शहर व जिले के गंभीर मरीजों को चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए राज्य शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा देवास के अमलतास हॉस्पिटल को अनुबंधित कर यहां पर 150 ऑक्सिजन व 30 आईसीयू बेड उज्जैन जिले के लिए आरक्षित करवाए गए हैं । अमलतास मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की तीसरी मंजिल पर प्रथक से 6 वार्डों में स्थापित करवाया गया है जंहा उज्जैन जिले के मरीजों को अतिरिक्त सुविधा उपलब्ध हो रही है ।
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