इंदौर। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर ढाई साल से ज्यादा समय से बैटरी कार की सुविधा बंद पड़ी है। इसे फिर शुरू करने की चिंता न तो पश्चिम रेलवे के अफसर कर रहे हैं, न जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान है। बैटरी कार बंद होने से बुजुर्गों, महिलाओं, बीमारों और दिव्यांग यात्रियों को परेशानी उठाना पड़ रही है।
इंदौर की यह हालत तब है, जब यह रतलाम रेल मंडल का इकलौता ए-1 श्रेणी का रेलवे स्टेशन है। अब यह मामला रेलवे के अफसरों के समक्ष उठाया जाएगा। रेल उपयोगकर्ता परामर्शदात्री समिति के सदस्य जगमोहन वर्मा इस महत्वपूर्ण जनसमस्या को अफसरों के सामने उठाएंगे और उनसे जल्द यह सुविधा बहाल करने को कहेंगे। वर्मा का कहना है कि स्टेशन के प्लेटफॉर्म काफी लंबे हो चुके हैं। इसके अलावा आयलैंड प्लेटफॉर्म स्थित पांच और छह नंबर प्लेटफॉर्म भी मुख्य स्टेशन से काफी दूर है।
यात्रियों को बैटरी कार नहीं होने से आटो रिक्शा में आयलैंड प्लेटफॉर्म तक आना-जाना पड़ता है और मुख्य स्टेशन के चारों प्लेटफॉर्म पर या तो लिफ्ट या सीढिय़ों से पहुंचना पड़ता है। लिफ्ट में पहले से ही काफी यात्री दबाव रहता है। रेलवे ने अप्रैल-17 से इंदौर स्टेशन पर बैटरी कार की सुविधा शुरू की थी, जिसे अप्रैल-21 में खत्म कर दिया गया। कार का ठेका विभिन्न अनियमितताओं और लापरवाहियों के कारण निरस्त कर दिया गया था। दो-तीन बार बैटरी कार प्लेटफॉर्म से गिर भी गई थी। अब जल्द इस मामले में आला अफसरों से संपर्क कर बंद सुविधा फिर बहाल करने का आग्रह किया जाएगा।
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