इंदौर। शहर के मुख्य रेलवे स्टेशन पर बैटरी कार का संचालन बंद किए हुए वर्षों बीत चुके हैं। निकट भविष्य में भी बैटरी कार की शुरुआत के कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। रेल अफसरों का साफ कहना है कि यात्रियों की सुविधा के लिए इंदौर स्टेशन पर पहले जरूर बैटरी कार चलाई गई थी, लेकिन बार हो रही दुर्घटनाओं के कारण फिलहाल यह सुविधा बहाल करन संभव नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह आड़े-तिरछे और संकरे प्लेटफॉर्म हैं।
बैटरी कार का मुद्दा आगामी जोनल रेल उपयोगकर्ता सलाहकार समिति की फरवरी में होने वाली बैठक में भी उठना है। हालांकि, रेल अफसरों के तर्क भी गौर करने लायक हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अफसर ने अग्निबाण को बताया कि इंदौर स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म आड़े, तिरछे और संकरे हैं। दो, तीन और चार नंबर प्लेटफॉर्म की हालत तो बहुत बुरी है। इतने घुमावदार और संकरे प्लेटफॉर्म शायद ही किसी बड़े शहर में हों। यही वजह है कि जब बैटरी कार कुछ साल पहले शुरू की गई थी, तब आए दिन उसके पलटने या प्लेटफॉर्म से गिरने की घटनाएं होती रहती थीं। इससे पैदा होने वाले खतरे के मद्देनजर बैटरी कार को चलाना फिलहाल तो संभव नहीं है।
रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट में सुधारेंगे स्थिति
सूत्रों का कहना है कि इंदौर रेलवे स्टेशन रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत इंदौर के आड़े-तिरछे प्लेटफॉर्म की बनावट में सुधार किया जाएगा। उसके बाद जरूर यहां बैटरी कार दोबारा शुरू करने की संभावना बढ़ेगी, लेकिन फिलहाल इसमें दो से तीन साल का समय लगने का अनुमान है।
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