उज्जैन। त्रिवेणी संगम पर आज तड़के से ही शनिश्चरी अमास्या का स्नान आरंभ हो गया। नदी में पानी अधिक होने के कारण श्रद्धालुओं को घाट पर फव्वारे लगाकर स्नान कराने की व्यवस्था की गई है। स्नान के बाद बेरिकेट्स से होकर श्रद्धालु हजारों की संख्या में नवग्रह शनि मंदिर में पूजन-अर्चन कर रहे हैं। यह सिलसिला शाम तक चलेगा। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बेवाला ने बताया कि आज शनिश्चरी अमास्या का पर्व शिव योग में मनाया जा रहा है। आज के दिन त्रिवेणी संगम पर स्नान कर और भगवान शनिदेव के दर्शन और अभिषेक कर श्रद्धालु उनकी कृपा प्राप्त कर सकेंगे। इधर जिला प्रशासन ने त्रिवेणी घाट पर आज के स्नान पर्व के लिए तीन दिन पहले ही तैयारियां शुरू कर दी थी। नदी में जलस्तर अधिक होने के कारण कलेक्टर की ओर से पीएचई के अधिकारियों को त्रिवेणी घाट पर महिला तथा पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग फव्वारे लगाने के निर्देश दे दिए थे। आज तड़के से संगम पर श्रद्धालु फव्वारे के द्वारा शिप्रा स्नान कर रहे हैं। स्नान के बाद घाट से ही शनि मंदिर तक लगे बेरिकेट्स में कतार में लगकर दर्शन कर रहे हैं। शहर के अन्य शनि मंदिरों में भी आज सुबह से दर्शन और पूजन करने के लिए श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।
त्रिवेणी घाट पर सुबह से ही लगने लगे पनौतियों के ढेर
शनिश्चरी अमास्या पर शिप्रा स्नान के बाद श्रद्धालुओं द्वारा घाटों पर ही पनौती के रूप में अपने पुराने वस्त्र और चप्पल-जूते छोडऩे की परंपरा है। यही कारण है कि आज सुबह त्रिवेणी घाट पर स्नान के बाद श्रद्धालुओं को घाट पर जहां जगह मिल रही थी वहां वे अपने पुराने वस्त्र और जूते-चप्पल आदि पनौती के रूप में छोड़ रहे थे। कई जगह इसके ढेर लग गए थे। हालांकि बाद में जिला प्रशासन द्वारा छोड़ी गई पनौतियों की नीलामी कराई जाएगी।
हजारों की भीड़, सुरक्षा के इंतजाम
शनिश्चरी अमास्या पर इस बार शाम तक लगभग 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन और स्नान को देखते हुए संगम पर व्यवस्था की गई है। शनि मंदिर परिसर में बेरिकेट्स से होकर ही श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जा रहा है। श्रद्धालु यहां मंदिर में शनि देव का पूजन कर रहे हैं और काले तिल और तेल भी भगवान को चढ़ा रहे हैं। यहां सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है तथा नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी तैनाती की गई है।
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