जबलपुर। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री रघुराज राजेन्द्रन ने कहा कि पावर मैनेजमेंट कंपनी के सर्वर में 22 मई को हुए सायबर अटेक होने के पश्चात् स्थिति काफ़ी हद तक सामान्य हो गई है। उन्होंने पत्रकारों से अनौपचारिक चर्चा में कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता है कि पूरा सिस्ट्म रि-स्टोर हो जाए और इससे आगे की किसी भी प्रकार की जांच की कार्रवाई में बाधा न आए। श्री राजेन्द्रन ने कहा कि सायबर अटेक होने के बाद सिस्ट्म रि-स्टोर में कई बाधाएं हैं और इसके ठीक होने में कुछ समय लगना लाजिमी है। इस समय कार्यात्मक (फंक्शनली) सिस्ट्म को रि-स्टोर किया है। पावर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक ने कहा कि 22 मई को सायबर अटेक होने की जानकारी कुछ फाइलों के असामान्य होने के बाद मिली।
उन्होंने कहा कि कंपनी में ई-ऑफसि और पावर प्रोक्योरमेंट के पृथक सिस्ट्म होने के कारण वहां सायबर अटेक का कोई प्रभाव नहीं पड़ा। पावर मैनेजमेंट कंपनी के पावर बिल भुगतान प्रक्रिया में ट्रांसेक्शन (लेनदेन) की संख्या तुलना में कम है, इसलिए इस कार्य का निष्पादन सायबर अटेक से अप्रभावित रहा। उन्होंने कहा कि सायबर अटेक से पावर मैनेजमेंट कंपनी के सर्वर में हुई बाधाओं का समाधान किया जा रहा है। सतर्कता बरतने के बावजूद सूचना प्रौद्योगिकी में कुछ न कुछ जोखिम अवश्य रहता है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसे सायबर अटेक से बचाव के लिए केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के सायबर सुरक्षा विंग सहित भारत शासन के कुछ संगठनों की सलाह से कार्य करते हुए आगे बढऩे का प्रयास किया जा रहा है। श्री राजेन्द्रन ने कहा कि एमपी पावर मैनेजमेंट का सिस्ट्म नॉन क्रिटिकल श्रेणी में है। उन्होंने कहा कि सिस्ट्म की सुरक्षा के लिए अलग एजेंसियों से सिक्योरिटी ऑडिट करवाया जाएगा। प्रबंध संचालक ने कहा कि एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स कार्पोरेशन से सम्पर्क कर एक वैकल्पिक सिस्ट्म में माइग्रेट करने की योजना भी पहले से है। श्री राजेन्द्रन ने कहा कि विशेषज्ञों व इस क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से परामर्श कर पावर मैनेजमेंट कंपनी के सिस्ट्म को सुदृढ़ व मजबूत बनाया जाएगा।
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