भोपाल। मप्र की जेलों (MP jails) में विचाराधीन बंदियों (undertrials) के लिए अलग बैरक की व्यवस्था रहेगी। जिससे वह सजायाफ्ता कैदी के साथ रहने से बच सकेंगे। इसी तरह महिला बंदियों की बैरक भी पुरुष बंदियों की बैरक से दूर रखा जाएगा।
जेलों में क्षमता से अधिक कैदी होने से ऐसा संभव नहीं हो पाया हैं, लेकिन आगामी 25 साल की क्षमता का आंकलन कर जेलों का विकास किया जाएगा, जिससे पुरानी स्थिति से आसानी से निपटा जा सके। इसके लिए मॉडल जेल मैन्युअल की प्लानिंग की गई गई है। अभी मप्र की जेलों 29 हजार के बदले 45 हजार से अधिक कैदी रखे गए है। जेल विभाग का मानना है नए मैन्युअल से जेलों को सुधार गृह के रूप में विकसित कर सकेंगे। इससे कैदियों को बेहतर व्यावसायिक प्रशिक्षण भी संभव होगा। जेल विभाग का यह प्रस्ताव अब जेल मंत्री के अनुमोदन के साथ कैबिनेट में लाया जाएगा।
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