नेहरू स्टेडियम में अग्निबाण द्वारा आयोजित संध्या में आए थे बप्पी लाहिरी… 50 हजार से ज्यादा प्रशंसकों की उमड़ी थी भीड़… कल रात हो गया निधन… मोदीजी ने भी जताया शोक
इंदौर। अभी स्वर कोकिला और इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) का निधन पिछले दिनों ही हुआ और आज सुबह एक और मनहूस खबर मिली कि जाने-माने संगीतकार-गायक बप्पी लाहिरी (Bappi Lahiri) नहीं रहे। पाश्चात्य संगीत (Western Music) को हिन्दी फिल्मों में लोकप्रिय बनाने वाले बप्पी लाहिरी 20 साल पहले इंदौर आए और नेहरू स्टेडियम (Nehru Stadium) में आयोजित अग्निबाण संध्या में उन्होंने जोरदार परफॉर्मेेंस दी और उनके साथ मेड इन इंडिया (Made in India) से लोकप्रिय हुई अलीशा चिनाय ~ Alisha Chinai) भी शामिल थी। 50 हजार से अधिक प्रशंसकों की भीड़ में हुआ यह आयोजन इंदौर का आखिरी सबसे बड़ा आयोजन था, जिसमें इंदौरी संगीत प्रेमियों (Indore Music Lovers) को बप्पी-अलीशा ने मंत्रमुग्ध कर दिया और जबरदस्त कामयाब यह शो रहा। स्टेडियम के अंदर तो भीड़ थी ही, वहीं हजारों लोग प्रवेश पाने के लिए बाहर खड़े रहे और पुलिस-प्रशासन को भी भीड़ काबू पाने में पसीने छूट गए।
बप्पी लाहिरी (Bappi Lahiri) का निधन (Died) हुआ, जिसकी घोषणा आज सुबह की गई। पिछले दिनों उन्हें चेस्ट इन्फेक्शन (Chest Infection) के चलते मुंबई के क्रिटिकेयर हॉस्पिटल (Criticare Hospital) में भर्ती कराया गया था। पिछले एक साल से वे ओएसए बीमारी से ग्रसित थे। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी बप्पी लाहिरी के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनका संगीत सर्वांगीण था, जो विविध भाषाओं को खूबसूरती से व्यक्त करता था। कई पीढिय़ों के लोग उनके कार्य को खुद से जोड़ सकतेे थे। उल्लेखनीय है कि 80 से 90 के दशक में बप्पी लाहिरी (Bappi Lahiri) ने अपने पाश्चात्य आधारित संगीत और गानों के जरिए धूम मचा दी। डिस्को डांसर(Disco Dancer) , शराबी (Sharabi), नमक हलाल (Namak Halal) सहित कई फिल्मों में उनका गीत-संगीत सुपर-डुपर हिट साबित हुआ। एक किलो से अधिक सोने के आभूषणों से लदे रहने वाले बप्पी लाहिरी अग्निबाण द्वारा आयोजित संगीत संध्या में शामिल होने इंदौर आए थे। उनके साथ जानी-मानी पॉप गायिका और मेड इन इंडिया गाकर लोकप्रिय हुई अलीशा चिनाय भी इस आयोजन में शामिल हुई। नेहरू स्टेडियम में आयोजित हुई बप्पी-अलीशा की यह नाइट इंदौर के संगीत प्रेमियों के लिए भी यादगार बन गई, जब 50 हजार से अधिक भीड़ स्टेडियम में जुटी और इंदौर के इतिहास का यह एक सफलतम आयोजन रहा और उसके बाद संभवत: इतनी भीड़ अन्य किसी ऐसे आयोजन में नहीं जुटी। अगले दिन अग्निबाण ने अपनी रिपोर्टिंग में भी लिखा कि स्टेडियम में डला संगीत का डाका और बप्पी-अलीशा ने लूट लिया इंदौरियों को… स्टेडियम के अंदर तो हजारों की भीड़ मौजूद थी ही, वहीं गेट बंद करने के चलते बाहर भी बड़ी तादाद में प्रशंसक जुटे रहे और पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ अग्निबाण के वॉलेंटियर्स के भी पसीने छूट गए इतनी भीड़ को कंट्रोल करने में और जैसे-जैसे बप्पी-अलीशा ने एक से बढक़र एक गीतों की प्रस्तुति दी, सामने मौजूद भीड़ नाचने-गाने और झूमने लगी। अग्निबाण परिवार की इस आयोजन की याद करते हुए संगीतकार-गायक बप्पी लहरी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
इतनी तादाद में श्रोताओं को देखकर बप्पी दा मंच छोडऩे को तैयार नहीं हुए
अग्निबाण (Agniban) ने अपने स्थापना दिवस (Foundation Day) पर आयोजित कार्यक्रम में बप्पी दा (Bappi Da) के साथ ही अलीशा चिनॉय को भी बुलाया था। बप्पी दा ने आने से पहले केवल आधा घंटा परफॉर्मेंस का समय दिया था, लेकिन जब उन्होंने इतनी बड़ी तादाद में इंदौर के स्वरप्रेमियों को देखा तो मंच छोडऩे को तैयार ही नहीं हुए। तीन घंटे के कार्यक्रम में अलीशा चिनॉय को मुश्किल से आधा घंटे के लिए मंच मिला और बप्पी दा ने ऐसा जलवा बिखेरा कि पूरा स्टेडियम झूम उठा। एक के बाद एक बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) ने अपने सुपरहिट गाने सुनाए, जिसमें आईएमए डिस्कोडांसर…, याद आ रहा है तेरा प्यार…, माना हो तुम बेहद हंसी…, यार बिना चैन कहां रे…, तम्मा-तम्मा…, बम्बई से आया मेरा दोस्त सहित अन्य गानों से बप्पी दा ने पूरे स्टेडियम को हिला दिया और इंदौरी इतने अधिक उत्साहित हो गए कि लगातार गानों की फरमाइश करते रहे और देर रात तक गीत-संगीत का यह अनूठा आयोजन जारी रहा। खुद बप्पी दा (Bappi Da) भी मंच छोडऩे को तैयार नहीं हुए, क्योंकि सामने मौजूद अपार जनसमूह को देखकर वे भी रोमांचित हो उठे। सोने के आभूषणों से लदे रहने वाले बप्पी लहरी ने इस अग्निबाण (Agniban) संध्या को अपने सबसे सफल आयोजनों में से एक बताया और कहा कि इंदौरियों में वाकई गीत-संगीत की जबरदस्त समझ है।
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