उज्जैन। कोरोना को देखते हुए इस बार अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए प्रशासन ने अलग व्यवस्थाएं बनाई है। 8 घाटों पर जहां नगर निगम की टीम डंपर के साथ खड़ी है वही पुलिस सार्वजनिक स्थानों के गणेश जी का विसर्जन करवाएगी। नगर निगम ने वाहनों को फूलों से सजाया है। छोटी प्रतिमाएं हीरामिल के कुंड में तथा बड़ी प्रतिमाएं केडी पैलेस पर विसर्जित की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि आज अनंत चतुर्दशी पर सुबह से ही गणेश विसर्जन के शुभ मुहूर्त शुरू हो गए है। घरों से लेकर सार्वजनिक पांडालों में विराजित भगवान गणेश को शहरवासी आज पूजा अर्चना कर नम आंखों से विदाई दे रहे हैं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने दो स्थानों पर आज गणेश विसर्जन की व्यवस्था की है। नदी के प्रमुख घाटों पर सुबह से नगर निगम के फूलों से सजे वाहन खड़े कर दिए गए है। तय विसर्जन कार्यक्रम के अनुसार कलेक्टर ने आज छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन नगर निगम के वाहनों के जरिए हीरामिल कुंड में करने की व्यवस्था की है। इसके अलावा पांडालों में विराजित बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन केडी पैलेस पर कराया जा रहा है। प्रमुख घाटों पर कही भी मूर्तियों का विसर्जन नहीं होने दिया जा रहा। विसर्जन चल समारोह में भी अधिकतम 10 लोगों की संख्या कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक तय की गई है।
विशेष संयोग में विसर्जन
आज भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष को चतुर्थी को अनंत चौदस का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन गणेश महोत्सव का समापन गणेश विसर्जन के साथ होगा। ग्रह नक्षत्रों की बात करें तो इस दिन मंगल, बुध, और सूर्य एक साथ कन्या राशि में होने से मंगल बुध आदित्य योग का निर्माण हो रहा है। इस विशेष योग में भगवान गणेश का विसर्जन तथा भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व अधिक बढ़ गया है। इस दिन व्रत रखकर विष्णु जी को कपड़े या रेशम से बना 14 गांठ वाला अनंत सूत्र समर्पित करके बांधने का विधान है। पौराणिक कथाओं के अनुसार अनंत चतुर्दशी पर्व की शुरुआत महाभारत काल में हुई थी। ऐसी मान्यता है, कि अनंत चतुर्दशी के दिन ही भगवान विष्णु ने सृष्टि की रचना की थी। सृष्टि रचना की शुरुआत में 14 लोको का निर्माण किया था, जो इस प्रकार है। तल ,अतल, वितल, सुतल, तलाताल, रसातल, पाताल, भू, भूतल, स्व, जन सत्य, मह निर्माण हुआ और इन लोकों का पालन और रक्षा करने के लिए भगवान विष्णु स्वयं ही 14 रूप में प्रकट हुए अनंत चतुर्दशी का व्रत भगवान विष्णु को प्रसन्न करने और अनंत फल देने वाला माना गया है।
एक नजर विसर्जन व्यवस्था पर
इधर आज सुबह से शहर के 8 मुख्य घाट त्रिवेणी, गऊघाट, नृसिंह घाट, रामघाट, सुनहरी घाट, चक्रतीर्थ, बड़ा पुल, गंगा घाट, मंगलनाथ घाट आदि पर पुलिस तैनात की है और यहां किसी को भी गणेश प्रतिमा विसर्जन करने की अनुमति नहीं दी गई है। इन सभी घाटों पर नगर निगम में डंपर खड़े किए हैं जो फूलों से सजे हैं। इन नंबरों में कोई भी व्यक्ति अपने गणेश जी की प्रतिमा रख सकता है यह डंपर सम्मान पूर्वक गणेश जी की प्रतिमा को कालियादेह महल के पास स्थित विसर्जन स्थल पर ले जाकर विसर्जित करेंगे। वही शहर में करीब 100 से अधिक स्थानों पर जो गणेश प्रतिमाएं सार्वजनिक मंडलों द्वारा स्थापित की गई है , इनको विसर्जन कराने की जिम्मेदारी इस बार पुलिस विभाग को दी गई है। पुलिस थाना वार गणेश जी की प्रतिमाएं आज वाहन में रखकर विसर्जन करा रही है। इस दौरान किसी भी प्रकार का विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा इसके लिए पुलिस और प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। घाट पर जाने वाले रास्तों पर पुलिस लगाई गई है और बैरिकेडिंग भी की गई है।
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