आज अगहन मार्गशीर्ष की संकष्टी चतुर्थी
इन्दौर। आज संकष्टी चतुर्थी व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि व पुनर्वसु नक्षत्र में रखा जाएगा। संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का विशेष पूजन कर उपवास रखा जाएगा, सायंकाल चन्द्र को अर्ध देकर व्रत की पूर्णाहुति की जाएगी ।
हर महीने चतुर्थी तिथि (कृष्ण पक्ष की चतुर्थी) को मनाया जाता है। संकष्टी का अर्थ मुसीबतों से मुक्ति है। इसलिए, भक्त इस दिन भगवान गणेश की पूजा करते हैं और चंद्रमा को देखने के बाद ही अपना उपवास तोड़ते हैं और वे रात में चंद्र देव को अध्र्य देते हैं। शहर के श्री गणेश मंदिरों में दर्शन के लिए सायंकाल कतारें लगेगी । संकष्टी चतुर्थी पर पर गणेशजी की पूजा करने से घर की नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में शांति बनी रहती है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि के दौरान, घर में आने वाली सभी आपदाओं को गणेश की पूजा करके दूर किया जाता है। इस दिन चंद्र दर्शन भी बहुत शुभ होता है। यह व्रत सूर्योदय से शुरू होता है और चंद्र दर्शन पर समाप्त होता है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार यह है इस व्रत पूजन की परंपरा
इस दिन व्रत रखने की परंपरा सतयुग में राजा चंद्रसेन के समय से चली आ रही है। पांडव राजा युधिष्ठिर ने भी महर्षि वेद व्यास, एक महान ऋषि और महाभारत के लेखक से इसके महत्व के बारे में जानने के बाद इसका अभ्यास किया था। ऋषि मार्कंडेय ने राजा चंद्रसेन को संकष्टी से जुड़ी कथा भी सुनाई और इस तरह इस दिन उपवास रखने की परंपरा शुरू हुई।
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