उज्जैन। मंदिर समिति द्वारा एकाएक महाकाल में मोबाइल ले जाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है तथा यह निर्णय उचित नहीं है और इस पर पुन: विचार किया जाना चाहिए। महाकाल लोक में व्यक्ति आएगा तो क्या गाड़ी में मोबाइल रखकर आएगा एवं मोबाइल आज एक ऐसी जरूरत है जिसके बिना काम नहीं चलता। गर्भगृह एवं नंदी हाल में मोबाइल पर शूट करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। मामले में बखेड़ा खड़ा होने के बाद मंदिर प्रशासन ने स्मार्ट फोन बैन कर लिया है। इस आदेश के बाद मंदिर के सुरक्षाकर्मियों द्वारा ड्यूटी के वक्त स्मार्ट फोन साथ में नहीं ले जा सकेंगे। महाकाल के दरबार में तैनात सुरक्षाकर्मी भी अब स्मार्ट फोन नहीं रख सकेंगे। लगातार मंदिर में फिल्मी गानों पर रील बनाने, भौंडा डांस करने के मामले सामने आने के बाद मंदिर प्रबंधन ने यह फैसला लिया है।कभी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोग तो कभी आम श्रद्धालुओं द्वारा इस प्रकार के रील बनाकर सोशल मीडिया पर डाला जा रहा था।इससे मंदिर की छवि प्रभावित हो रही थी। रविवार की दोपहर तो दो महिला सुरक्षाकर्मियों का रील वायरल हो गया। इसके बाद प्रबंधन ने दोनों सुरक्षाकर्मियों को बर्खास्त करते हुए अब सभी को मंदिर के अंदर मोबाइल लाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पहला मामला नहीं है
महाकाल मंदिर में यह पहला मामला नहीं है जब मंदिर के परिसर में स्मार्ट फोन से फिल्माया गया वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है। इसके पहले भी कई बार इस तरह के मामले हो चुके है। हालांकि बखेड़ा खड़ा होने के बाद ऐसे कुछ ही लोगों ने माफी मांगी थी परंतु अब मंदिर प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मंदिर में आम श्रद्धालुओं के साथ ही मंदिर में तैनात सुरक्षाकर्मियों पर स्मार्ट फोन ले जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि लगभग 1 वर्ष पहले इंदौर निवासी मनीषा रोशन ने मंदिर परिसर में रील बनाकर इसे सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसके बाद बखेड़ा खड़ा होने पर मनीषा रोशन ने इस पर माफी भी मांगी थी।
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