श्रीगंगानगर । श्रीगंगानगर में (In Sriganganagar) कांच और धातु मिश्रित (Mixed with Glass and Metal) चाईनीज मांझे (Chinese Manjha) की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग पर (On Wholesale and Retail Sale and Use) रोक लगा दी (Banned) । जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट अंशदीप ने दण्ड संहिता 1973 की धारा 144 के अन्तर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बनाए रखने एवं पक्षियों के लिए बडे पैमाने पर खतरा बन चुके कांच, धातु मिश्रित चाईनीज मांझे की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग पर श्रीगंगानगर जिले की राजस्व सीमा, क्षेत्राधिकार में रोक लगा दी है।
लोगों द्वारा पतंग उड़ाने में कांच, धातु मिश्रित चाईनीज मांझे, सिन्थेटिक धागे का उपयोग करने से पतंग उडाने से केवल बड़ी संख्या में पक्षी घायल होते हैं बल्कि सड़क पर पैदल चलने वाले और दुपहिया वाहन पर चलने वाले राहगीरों का जीवन भी संकटापन्न होते हैं। इस तरह के पशु-पक्षी और मानव जीवन के लिए खतरनाक मांझे के निर्माण व उपयोग पर प्रभावी रोकथाम के उपाय किया जाना आवश्यक है। लोग अधिक संख्या में पतंग उड़ाते हैं, जिससे यह खतरा और अधिक बढ जाता है, ऐसे मांझे के क्रय-विक्रय, भण्डारण व उपयोग को निषेध किया जाना अत्यंत आवश्यक है।
आदेशानुसार चाईनीज मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है, जिसके उपयोग के दौरान दोपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक जान-माल का नुकसान होना संभव है। साथ ही विद्युत सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में लाने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना भी संभाव्य है। इस समस्या व खतरे के निवारण हेतु यह आवश्यक है कि धातु निर्मित मांझा के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया जाए।
उन्होनें बताया कि माननीय उच्च न्यायालय राज. खण्डपीठ जयपुर द्वारा डी.बी. सिविल रिट पिटीशन में जारी दिशा निर्देश एवं माननीय नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल नई दिल्ली द्वारा प्रकरण संख्या 384/2016 में पारित आदेश 14 दिसम्बर 2016 में भी पतंग उडाने के लिए हानिकारक सामग्री से बने धागे के उपयोग को परमिट नहीं किया है। यह आदेश 11 जनवरी 2024 की मध्य रात्रि से लागू होकर 10 मार्च 2024 की मध्य रात्रि तक प्रभावी रहेगा। आदेशों की अवहे्लना या उल्लंघन किए जाने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत दण्डित करवाया जाएगा।
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