नई दिल्ली (New Delhi)। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) ने कुछ बैंकों (Banks) और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों (एनबीएफसी) (Non-Banking Financial Institutions (NBFCs)) के ब्याज वसूलने में अनुचित तौर-तरीके अपनाने पर चिंता जताई है। आरबीआई ने इसके लिए बैंकों को सुधारात्मक कदम उठाने और अतिरिक्त शुल्क लौटाने का निर्देश दिया है।
आरबीआई ने सोमवार को इस संबंध में एक परिपत्र जारी करते हुए कहा कि इसके निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। रिजर्व बैंक ने जारी परिपत्र में कहा कि 31 मार्च 2023 को समाप्त अवधि के लिए बैंकों या एनबीएफसी जैसे विनियमित इकाइयों की भौतिक जांच के दौरान आरबीआई को ऋणदाताओं द्वारा ब्याज वसूलने में कुछ अनुचित गतिविधियों का सहारा लेने के उदाहरण मिले।
ऐसे में केंद्रीय बैंक ने सभी इकाइयों को ये निर्देश दिया है कि वे ऋण वितरण के तरीके, ब्याज लगाने और अन्य शुल्कों के संबंध में अपने तौर-तरीकों की समीक्षा करें। साथ ही बैंक नियामक ने कहा कि जरूरी होने पर प्रणालीगत बदलाव जैसे कदम उठाएं। आरबीआई ने यह कदम जांच के बाद उठाया है। आरबीआई ने कहा कि महीने के दौरान ऋण के वितरण या पुनर्भुगतान के मामले में कुछ संस्थान बकाया अवधि के बजाय पूरे महीने का ब्याज ले रहे थे। वहीं कुछ मामलों में बैंक अग्रिम में एक या अधिक किस्तें जमा कर रहे थे, लेकिन ब्याज वसूलने के लिए पूरी ऋण राशि की गणना कर रहे थे।
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