नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय रिजर्व बैंक शीर्ष (RBI Top) 20 कारोबारी घरानों पर कड़ी नजर रख रहा है। इन घरानों पर बैंकों का सबसे ज्यादा कर्ज है। यह कदम इस लिए उठाया जा रहा है ताकि भविष्य में आने वाले जोखिम की समय रहते पहचान की जा सके। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि यह बढ़ी हुई सतर्कता व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय मध्यस्थों और सेंट्रल रिपोजेट्री ऑफ इन्फॉर्मेशन ऑन लार्ज क्रेडिट्स की नियमित निगरानी के अतिरिक्त है।
बैंकिंग क्षेत्र का नियमक आरबीआई इन समूहों (RBI these groups) और उनकी कंपनियों की लाभप्रदता और अन्य वित्तीय प्रदर्शनों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। यही नहीं केंद्रीय बैंक (Central bank) इनके द्वारा अन्य स्रोतों से उठाए गए ऋण की मात्रा के साथ इन पर किसी तरह के दबाव के संकेतों के लिए बॉन्ड पर भी नजर रखे हुए है। एक सूत्र ने कहा, किसी भी तरह के दबाव के उभरने की पहचान करने के लिए एक निगरानी प्रणाली रखी गई थी ताकि भविष्य में बैंकों की बैलेंस शीट में इसके पड़ने वाले असर को रोकने के लिए निवारक कदम उठाए जा सकें।
अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा 24 जनवरी को एक रिपोर्ट में अडानी समूह (Adani Group) के खिलाफ कई आरोप लगाए जाने के बाद बैंकिंग नियामक आरबीआई ने एक बयान जारी किया था। केंद्रीय नियामक ने तीन फरवरी को एक बयान में कहा था कि नियामक और पर्यवेक्षक (regulator and supervisor) के रूप में, आरबीआई वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की दृष्टि से बैंकिंग क्षेत्र (banking sector) और व्यक्तिगत बैंकों पर निरंतर निगरानी रखता है।
अडानी के साथ कारोबार को लेकर एलआईसी आश्वस्त
भारतीय जीवन बीमा निगम के चेयरमैन एम आर कुमार ने अडानी समूह के शीर्ष प्रबंधन के साथ बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि उनके साथ बातचीत सार्थक रही। अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद बीमा कंपनी पर पड़ने वाले असर के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘बैठक के नतीजों की अभी जानकारी नहीं दे सकता लेकिन उनके साथ बैठक कर हम खुश हैं।’ उन्होंने कहा कि एलआईसी अडानी समूह के साथ कारोबार को लेकर आश्वस्त है।
एलआईसी ने समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में निवेश किया है। अडानी समूह में एलआईसी का निवेश उसके कुल ऐसेट अंडर मैनेजमेंट का 0.97 फीसदी है। सितंबर तिमाही के अंत में एलआईसी का एयूएम 41.66 लाख करोड़ रुपये था। पिछले महीने नतीजों की घोषणा के बाद एलआईसी के चेयरमैन ने कहाथा कि कंपनी का निवेश विभाग अडानी के प्रबंधन से बात करेगा।
हिंडनबर्ग-अडानी मामले के मद्देनजर बीते गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायाधीश अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति गठित की है, जो जांच करेगी कि इस मामले में कोई नियामकीय चूक तो नहीं हुई है, जिसकी वजह से निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
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