नई दिल्ली। दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान बैंकों के कर्ज में भारी उठाव की उम्मीद है। आरबीआई द्वारा रेपो दर में 1.90 फीसदी की बढ़त के बाद भी कर्ज में वृद्धि 15 फीसदी से ज्यादा रह सकती है। विभिन्न बैंकों ने शेयर बाजारों को अस्थाई आंकड़ों की जानकारी दी है।
दूसरी तिमाही से ज्यादा तीसरी तिमाही में रफ्तार रहेगी। सितंबर के अंत से त्योहारी सीजन चालू हुआ है जो नवंबर तक चलेगा। घर खरीदी, वाहनों की खरीदी सहित इलेक्ट्रॉनिक आइटम में भी ग्राहक जमकर खर्च करते हैं। इससे बैंकों से बड़ी रकम निकलने की उम्मीद है।
जमा में भी रहेगी अच्छी वृद्धि : नोमुरा का कहना है कि मध्यम अवधि में कर्ज की वृद्धि में सुधार आगे जारी रहेगा। बैंक के चालू एवं बचत खाता (कासा) में भी तेजी रहेगी। एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, इंडसइंड बैंक और यस बैंक में कर्ज में दो अंकों की वृद्धि रहेगी।
बढ़ेगी कर्ज की रफ्तार : कर्ज की मांग बढ़ रही है। अभी तक बैंकों ने जमा पर आरबीआई की दर जितना फायदा ग्राहकों को नहीं दिया है। इसलिए आगे इस पर ब्याज बढ़ सकता है।
छोटे बैंक और एचएफसी के कर्ज में भी आएगी तेजी
छोटे बैंकों जैसे फेडरल बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, करूर वैश्य बैंक के भी कर्ज में तेजी रहेगी। इनके अलावा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों (HFC) का भी कर्ज वितरण ज्यादा रह सकता है। आरबीआई के मुताबिक, अगस्त में सालाना आधार पर कर्ज 16 फीसदी बढ़ा था।
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