भोपाल। जमीन की नकल अपडेट नहीं होने पर अब बैंक किसानों को कृषि कर्ज देने से इंकार नहीं कर पाएंगे। क्योंकि राज्य सरकार ने कर्ज लेने वाले किसान की जमीन से संबंधित नकल देखने और उसको निकालने के अधिकार बैंकों को सौंप दिए हैं। जरूरत पडऩे पर बैंक किसान की जमीन को खुद बंधक भी बना सकेंगे। इससे अब किसानों को पटवारी एवं तहसीलों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। किसान कभी भी कहीं से भी जमीन की नकल निकाल सकेंगे। राजस्व विभाग ने जमीन से जुड़े दस्तावेज एवं नक्शों को ऑनलाइन कर दिया है। किसानों को बैंक से कर्ज लेने से लेकर समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के लिए जमीन से जुड़े सत्यापित दस्तावेज बैंक एवं सरकारी कार्यालयों में जमा करने होते हैं। सत्यापित दस्तावेजों के लिए किसानों को पटवारी एवं तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। अब राजस्व विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज पोर्टल पर ऑनलाइन कर दिए हैं। राजस्व विभाग अधिकारियों के अनुसार अभी तक 3.5 करोड़ दस्तावेज ऑनलाइन कर दिए हैं। 15 करोड़ दस्तावेज ऑनलाइन होना है। अब किसान किसी भी कियोस्क सेंटर या अन्य किसी जगह से जमीन की नकल निकलवा सकता है। इसके लिए पहले एक पेज की फीस 30 रुपए एवं अन्य पेजों के लिए 10 रुपए प्रति पेज की ऑनलाइन फीस चुकानी होगी। खास बात यह है कि ये दस्तावेज बैंक एवं अन्य सभी जगहों पर मान्य किए जाएंगे। बैंक किसान को यह कहकर नहीं लौटा सकते कि दस्तावेज फिजिकल सत्यापित नहीं है।
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