नई दिल्ली । भारतीय स्टेट बैंक (state Bank of India) में सबसे अधिक बैंकिंग फ्रॉड (Banking Fraud) के मामले सामने आए हैं। वहीं, धोखाधड़ी के मामलों में सर्वाधिक 9,528.95 करोड़ रुपये पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) के फंसे हैं। सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी में यह सूचना मिली है। आरटीआई के जवाब में आरबीआई ने कहा कि 2020-21 के दौरान भारतीय स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 4,192 मामले आए जिनमें बैंक के 6,932.37 करोड़ रुपये फंसे है। इसका मतलब है कि बैंक में धोखाधड़ी के ऐसे मामले ज्यादा हैं जिनमें गबन छोटी रकम का किया गया है।
इन बैंकों में भी मामले सामने आए
पीएनबी और एसबीआई के अलावे बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 5,923.99 करोड़ रुपये फंसे हैं (209 मामले), बैंक ऑफ बड़ौदा के 3,989.36 करोड़ रुपये (280 मामले); यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के 3,939 करोड़ रुपये (627 मामले) जबकि केनरा बैंक के 3,230.18 करोड़ रुपये महज 90 मामलों में फंसे हैं। इनके अलावा, इंडियन बैंक के 211 मामलों में 2,038.28 करोड़ रुपये; इंडियन ओवरसीज बैंक के 312 मामलों में 1,733.80 करोड़ रुपये; बैंक ऑफ महाराष्ट्र के 72 मामलों में 1,139.36 करोड़ रुपये; सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के धोखाधड़ी के मामलों में 773.37 करोड़ रुपये; यूको बैंक के 114 मामलों में 611.54 करोड़ रुपये और पंजाब एंड सिंध बैंक के धोखाधड़ी के 159 मामलों में 455.04 करोड़ रुपये फंसे हैं।
पिछले साल के मुकाबले धोखाधड़ी में कमी आई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा है कि मार्च, 2022 में समाप्त हुए वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का धोखाधड़ी में फंसा धन 51 प्रतिशत घटकर 40,295.25 करोड़ रुपये रह गया है। सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दी गई जानकारी में आरबीआई ने कहा कि 2020-21 के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के 12 बैंकों का 81,921.54 करोड़ रुपया धोखाधड़ी में फंसा था। मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ के आरटीआई आवेदन के जवाब में केंद्रीय बैंक ने कहा कि इन बैंकों में 2021-22 में धोखाधड़ी के 7,940 मामले सामने आए, 2020-21 में यह संख्या 9,933 थी। हालांकि, इसमें राशि के मुकाबले बहुत कमी देखने को नहीं मिली है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved