नई दिल्ली। आज यानी बुधवार (14 April) बैंकिंग सेक्टर के लिए बेहद खास होने वाला है. बैंक प्राइवेटाइजेशन (Bank Privatisation) की पहली प्रक्रिया के लिए सरकार कम से कम दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) पर फैसला ले सकती है. कई मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, निजीकरण(Privatisation) के लिए संभावित बैंकों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए 14 अप्रैल को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और वित्त मंत्रालय(Finance Ministry) के वित्तीय सेवाओं और आर्थिक मामलों के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बैठक होगी. इसमें कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं.
खबरों के मुताबिक, निति आयोग ने 4-5 बैंकों के नामों का सुझाव दिया है और माना जा रहा है कि इस बैठक में किसी दो के नाम तय कर लिए जाएंगे. प्राइवेटाइजेशन की लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र (bank of maharashtra), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian overseas bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India), सेंट्रल बैंक (Central Bank) के नाम की चर्चा है. प्राइवेटाइजेश के पहले फेज में सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक के नामों पर महुर लगा सकती है. मंगलवार को इन बैंकों के शेयर में भी बंपर उछाल दिख रहा है. BSE पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कई डील्स के तहत एक लाख से अधिक शेयरों को बदलने के बाद बीएसई पर मंगलवार को बैंक ऑफ महाराष्ट्र के शेयरों में 15.6 प्रतिशत का उछाल आया. नीति आयोग के मुताबिक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अलावा जिन बैंकों का पिछले कुछ समय में एकीकरण किया गया है, उन बैंकों का प्राइवेटाइजेशन नहीं होगा. इस समय देश में 12 सरकारी बैंक हैं. रिपोर्ट के आधार पर निजीकरण की लिस्ट में SBI के अलावा पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक, कैनरा बैंक, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा नहीं हैं. बता दें कि सरकार में सरकार ने बजट में बैंकों के निजीकरण का ऐलान किया था.अगले कारोबारी साल में दो बैंकों के निजीकरण की तैयारी है. निजीकरण की लिस्ट में बैंक ऑफ महाराष्ट्र, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक के नाम की चर्चा है. अभी तक निजीकरण के लिए किसी भी बैंक का अंतिम चयन नहीं किया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था.