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    1 जनवरी से बदलेंगे बैंक लॅाकर से जुड़े नियम, जानें क्या होगा ग्राहकों पर असर

  • December 19, 2022

    नई दिल्‍ली । आपने बैंक लॉकर (bank locker) लिया हुआ है या लेने की योजना बना रहे हैं तो यह खबर आपके काम की है। अलगे साल की पहली तारीख यानी एक जनवरी 2023 (New Year) से लॅाकर से जुड़े कई नियम बदलने (rules change ) वाले हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के संशोधित अधिसूचना के अनुसार बैंक लॉकर के मामले में मनमानी नहीं कर सकेंगे और ग्राहक को नुकसान होने की स्थिति में अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकेंगे।

    एसबीआई और पीएनबी समेत अन्य बैंकों ने ग्राहकों को एसएमएस के जरिये नए नियमों की जानकारी देनी शुरू कर दी है। बैंक एक 1 जनवरी 2023 तक मौजूदा लॉकर ग्राहकों के साथ अपने लॉकर करार (एग्रीमेंट) का नवीनीकरण करेंगे। उल्लेखनीय है कि बैंक लॉकर करार नीति के तहत किसी ग्राहक को लॉकर आवंटित करते समय बैंक उस ग्राहक के साथ करार करता है, जिसके बाद लॉकर की सुविधा प्रदान की जाती है। विधिवत मुहर लगे कागज पर दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक प्रति लॉकर किराएदार को उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को जानने के लिए दी जाती है। जबकि, करार की मूल प्रति बैंक की उस शाखा के पास रहता है जहां लॉकर की सुविधा ग्राहक को दी गई होती है।


    आरबीआई ने कहा कि बैंकों को खाली लॉकरों की सूची और लॉकर की प्रतीक्षा सूची संख्या दिखानी होगी। साथ ही, बैंक के पास अधिकतम तीन साल की अवधि के लिए लॉकर का किराया एक बार में लेने का अधिकार होगा है। उदाहरण के लिए, यदि लॉकर का किराया 1,500 रुपये है, तो बैंक को अन्य रखरखाव शुल्कों को छोड़कर आप से 4,500 रुपये से अधिक शुल्क नहीं ले सकते हैं।

    अनुचित शर्त नहीं जोड़ पाएंगे बैंक
    रिजर्व बैंक के संशोधित निर्देश अधिसूचना के अनुसार बैंक यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके लॉकर करार में कोई अनुचित नियम या शर्तें शामिल नहीं हैं। आरबीआई ने ग्राहकों के हितों की सुरक्षा के लिए ऐसा किया है क्योंकि कई बार बैंक शर्तों का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से मुकर जाते हैं। इसके अलावा बैंक के हितों की रक्षा के लिए अनुबंध की शर्तें आवश्यकता से अधिक कठिन नहीं होंगी।

    शुल्क में भी बदलाव
    एसबीआई के मुताबिक बैंक लॉकर का शुल्क क्षेत्र और लॉकर के आकार के आधार पर 500 रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक है। बड़े शहर और महानगरों में बैंक छोटे, मध्यम, बड़े और अतिरिक्त बड़े आकार के लॉकरों के लिए दो हजार रुपये, चार हजार रुपये, आठ हजार रुपये और 12,000 रुपये सालाना शुल्क लेते हैं। वहीं अर्ध-शहरी और ग्रामीण स्थानों में बैंक छोटे, मध्यम, बड़े और अतिरिक्त बड़े आकार के लॉकरों के लिए 1,500 रुपये, तीन हजार रुपये, छह हजार रुपये और नौ हजार रुपये शुल्क लेता है।

    एसएमएस और ईमेल से सूचना देना अनिवार्य
    अनाधिकृत तौर पर लॉकर खोले जाने की स्थिति में, दिन खत्म होने से पहले बैंकों को ग्राहकों के पंजीकृत मोबाइल ई-मेल पर उसकी तारीख, समय और कुछ जरूरी कदम की जानकारी देनी अनिवार्य होगी। आरबीआई ने दिशानिर्देश में यह भी कहा है कि लॉकर की नई व्यवस्था की जानकारी हर ग्राहक को एसएमएस के माध्यम से भी दी जानी अनिवार्य है जिससे ग्राहक पहले से जागरूक रहें। इसके अलावा जब भी आप लॉकर का उपयोग करेंगे, आपको बैंक के जरिये ई-मेल और एसएमएस के माध्यम से सतर्क किया जाएगा।

    सामान खराब होने पर बैंक होंगे जिम्मेदार
    सामान्य तौर पर, बैंक अक्सर यह कहते हुए चोरी के मामलों से बच निकलते हैं कि लॉकर के अंदर रखे किसी भी सामान के लिए बैंक जिम्मेदार नहीं हैं। जैसा कि बैंक जवाबदेही से इनकार करते हैं, ग्राहक कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए बाध्य होते हैं। जनवरी 2022 के बाद बैंक लॉकर से सामान के खराब होने या नुकसान होने की स्थिति में बैंक अपनी देनदारी से नहीं बच पाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI के नए स्टैंडर्ड के मुताबिक, अगर बैंक की लापरवाही की वजह से लॉकर के किसी सामान का कोई नुकसान होता है, तो बैंक को ग्राहकों को इसकी भरपाई करनी होगी।

    आरबीआई के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वह अपने यहां सुरक्षा को देखते हुए सभी कदम उठाएं. नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह सुनिश्चित करना बैंकों की जिम्मेदारी है कि बैंक में किसी कमी या लापरवाही की वजह से आग, चोरी, डकैती जैसे मामले नहीं हो।

    यह बदलाव भी हुए
    – नए नियमों के मुताबिक, अगर लॉकर का मालिक किसी को नॉमिनी बनाता है तो बैंकों को उसे सामान निकालने की मंजूरी देनी होगी।
    – अगर किसी प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप, बाढ़, तूफान आदि से लॉकर के सामान को नुकसान पहुंचता है, तो बैंक की उसके लिए भरपाई करने की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
    – ग्राहक की खुद की गलती या लापरवाही से भी अगर नुकसान होता है, तो बैंक ग्राहकों को कोई पैसा नहीं देंगे।

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