अग्निबाण खुलासा… कलेक्टर से मिले विधायक के साथ मजदूर पंचायत के भूखंड पीडि़त… जांच कमेटी भी बनाई
इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना 171 में शामिल ग्राम खजराना की मजदूर पंचायत की 82 एकड़ जमीन भूमाफिया के शिकंजे में रही, जिसके चलते पीडि़तों को भूखंड नहीं मिल पाए। भाजपा विधायक महेन्द्र हार्डिया के साथ पीडि़तों ने कलेक्टर मनीष सिंह से रेसीडेंसी कोठी पर मुलाकात की, जिसके बाद कलेक्टर ने 5 सदस्यीय जांच कमेटी भी बना दी, ताकि पीडि़तों को भूखंड मिल सकें। वहीं पुष्प विहार की 1 लाख 10 हजार स्क्वेयर फीट जमीन पर 10 करोड़ रुपए का लोन भी बैंक से कबाड़ लिया, जिसके चलते पिछले दिनों बैंक ने इस जमीन को अपने कब्जे में भी ले लिया है। 1 हजार से अधिक सदस्यों वाली इस संस्था की कालोनी पुष्प विहार के पीडि़त सालों से चक्कर काट रहे हैं और दूसरी तरफ भूमाफिया ने सदस्यों की जमीनें अलग-अलग रसूखदारों को बेच रखी है। पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने संस्था के 5 संचालकों को नोटिस भी थमाए हैं और खातीवाला टैंक स्थित दफ्तर पर छापा मारकर प्रशासन ने रिकॉर्ड जब्त किया था।
जिन चर्चित गृह निर्माण संस्थाओं में भूमाफियाओं के सब्जे हो गए और हजारों सदस्य चक्कर काट रहे हैं उनमें मजदूर पंचायत गृह निर्माण भी शामिल है, जिसकी कालोनी पुष्प विहार इंदौर विकास प्राधिकरण की पुरानी योजना 132 और उसके बाद लागू की गई 171 में शामिल है। संस्था की लगभग 82 एकड़ जमीन है, जिसके रिकॉर्ड पूर्व कलेक्टर ने खातीवाला टैंक स्थित संस्था के दफ्तर पर छापा मारकर जब्त करवाए थे। अब कलेक्टर मनीष सिंह ने इन जब्त रिकार्डों की जांच शुरू करवाई और पांच सदस्यीय जांच कमेटी बनाई है, जिसमें सहकारिता उपायुक्त मदन गजभिये और महू के एसडीएम अभिलाष मिश्रा को भी शामिल किया गया है। कल पुष्प विहार रहवासी संघ ने विधायक महेन्द्र हार्डिया के साथ कलेक्टर से मुलाकात भी की। इस पर कलेक्टर ने भरोसा दिलाया कि वरीयता सूची के आधार पर पात्र सदस्यों को भूखंड जल्द दिलवाए जाएंगे। इधर इस संबंध में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया, जिसमें संस्था के सदस्यों की एक लाख 10 हजार स्क्वेयर फीट जमीन बैंक में गिरवी रख 10 करोड़ रुपए का लोन कबाड़ लिया। 2 करोड़ रुपए जमीन की कीमत रजिस्ट्री में दर्शाई गई और इलाहाबाद बैंक की न्यू पलासिया शाखा से 10 करोड़ का लोन हासिल कर लिया। जी-नेक्स्ट टेलीकॉम प्रा.लि. के कर्ताधर्ता केशव पिता भगवानदास नाचानी ने फरवरी-2010 में व्यवसाय के लिए 10 करोड़ का लोन बैंक से लिया और इस ऋण के पेटे प्रतिभूति स्वरूप खजराना स्थित पटवारी हल्का नम्बर 36 के खसरा नम्बर 92/1, 92/2, 92/3, 92/4, 92/5, 92/6 और 93 पैकी पर स्थित 1.013 हैक्टेयर यानी लगभग 1 लाख हजार स्क्वेयर फीट जमीन बंधक रखी गई और जब जी-नेक्स्ट टेलीकॉम ने बैंक ऋण मय ब्याज नहीं चुकाया तो कुछ समय पूर्व इलाहाबाद बैंक ने इस बंधक जमीन को अपने कब्जे में ले लिया। एमआर-10 से लगी हुई यह बेशकीमती जमीन मजदूर पंचायत संस्था के सदस्यों की है और भूमाफिया ने सदस्यों के भूखंडों की जमीन ही केशव नाचानी को बेच दी, जिसकी रजिस्ट्री 31.05.2006 को करवाई गई थी।
जनसुनवाई में मिले 258 आवेदन
इधर मंगलवार की जनसुनवाई में प्रशासन के समक्ष शिकायतें बढ़ती जा रही है, जिसमें गृह निर्माण संस्थाओं के पीडि़तों की संख्या भी अधिक रहती है। मजदूर पंचायत के साथ कविता गृह निर्माण के पीडि़तों ने भी अपनी शिकायत दर्ज करवाई है। जनसुनवाई में 258 आवेदन मिले। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह से मल्हार आश्रम के विद्यार्थियों ने भी मुलाकात की और छात्रावास संबंधित समस्या की जानकारी दी, जिस पर कलेक्टर ने मल्हार आश्रम की प्रधान अध्यापक को निर्देश दिए कि वे छात्रों से मिलकर उनकी समस्याओं का त्वरित निराकरण करें। वहीं आईसेफ नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं ने छात्रवृत्ति ना मिलने के कारण कॉलेज द्वारा परीक्षा फार्म भरने की अनुमति ना देने की समस्या बताई, जिस पर अपर कलेक्टर पवन जैन ने सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग विभाग को निर्देश दिए कि कालेज प्रबंधन से चर्चा कर छात्राओं को परीक्षा फार्म भरने की अनुमति प्राप्त करवाएं।
15 सहकारी संस्थाओं का होगा परिसमापन
एक तरफ सहकारिता विभाग गृह निर्माण संस्थाओं की जांच कर रहा है, दूसरी तरफ 15 संस्थाओं के परिसमापन की कार्रवाई भी की जा रही है, जिसके लिए परिसमापक की नियुक्ति कर दी गई है। सहकारिता विभाग के मुताबिक इनमें से 12 संस्थाओं के परिसमापन के लिए वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक आनंद खत्री और तीन संस्थाओं के लिए बीएल मेहर को परिसमापक बनाया गया है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved