डेस्क: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेता मोहम्मद यूनुस ने हाल ही में चीन में शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद भारत और पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर बयान दिया था, जिससे विवाद बढ़ गया. उन्होंने पूर्वोत्तर के सात भारतीय राज्यों को लैंड लॉक्ड (जमीन से घिरा हुआ) बताया और इस आधार पर बांग्लादेश को इस क्षेत्र का हिंदमहासागर का एकमात्र संरक्षक घोषित कर दिया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने थाईलैंड में बिम्सटेक (BIMSTEC) सम्मेलन के दौरान बिना नाम लिए मोहम्मद यूनुस पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि भारत बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह समझता है. उन्होंने यह भी याद दिलाया कि बंगाल की खाड़ी में भारत की सबसे लंबी तटरेखा है, जिसकी लंबाई करीब 6,500 किमी है.
जयशंकर ने आगे कहा कि भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बिम्सटेक के लिए एक कनेक्टिविटी हब बन रहा है. यहां सड़क, रेलवे, जलमार्ग, बिजली ग्रिड और पाइपलाइनों का बड़ा नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि त्रिपक्षीय राजमार्ग पूरा होने के बाद भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र सीधे प्रशांत महासागर से जुड़ जाएगा, जो बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला कदम होगा.
उन्होंने कहा कि इस पूरे क्षेत्र में व्यापार, यात्रा और संचार को आसान बनाने के लिए भारत पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. पिछले कुछ सालों में भारत ने बिम्सटेक को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
बांग्लादेश के मोहम्मद यूनुस के हालिया बयान से पूर्वोत्तर भारत में नाराजगी बढ़ गई है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने उनके बयान को “भड़काऊ” और “निंदनीय” बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा, “मोहम्मद यूनुस के ऐसे बयान को हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि यह गहरी रणनीतिक सोच और लंबे समय से चली आ रही योजनाओं की ओर इशारा करता है.”
उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि यूनुस के बयान से “चिकन नेक कॉरिडोर” को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. यह पश्चिम बंगाल में एक संकरा इलाका है, जो पूर्वोत्तर भारत को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को लेकर पहले भी सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं रही हैं और ऐसे बयान माहौल को और संवेदनशील बना सकते हैं.
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