नई दिल्ली. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) के निवेश सलाहकार (investment advisor) सलमान एफ रहमान (Salman F Rehman) और बांग्लादेश के पूर्व कानून मंत्री अनिसुल हक (Law Minister Anisul Haque) को ढाका (Dhaka) के सदरघाट से भागते समय गिरफ्तार कर लिया गया. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें गुनाहगारों की तरह रस्सियों से बांध दिया गया. और एक घंटे के भीतर उन पर दोहरे हत्याकांड का आरोप लगा दिया गया.
बांग्लादेश नेशनल हिंदू ग्रैंड अलायंस के सदस्यों ने भी हाल के दिनों में हमलों में वृद्धि की ओर इशारा किया और कहा, ‘हमारे भी इस देश में अधिकार हैं, हम यहीं पैदा हुए हैं.’ प्रधानमंत्री हसीना के देश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यक हिंदू आबादी को कई दिनों तक हिंसा का सामना करना पड़ा. उनके घर और दुकान तोड़ दिए गए या जला दिए गए. उनकी सम्पतियों को नष्ट कर दिया गया.
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस ने 8 अगस्त को अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभाला. इसके बाद वह प्रसिद्ध ढाकेश्वरी मंदिर में हिंदू समुदाय के सदस्यों से मिले और लोगों से उनकी सरकार की भूमिका का आकलन करने से पहले ‘धैर्य रखने’ का आग्रह किया. गठबंधन के प्रवक्ता और कार्यकारी सचिव पलाश कांति डे ने कहा, ‘बदलते राजनीतिक परिदृश्य के कारण हिंदू समुदाय पर बर्बरता, लूटपाट, आगजनी, भूमि हड़पने और देश छोड़ने की धमकियों की घटनाएं बार-बार हो रही हैं.’ डे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया, ‘यह केवल व्यक्तियों पर हमला नहीं है, बल्कि हिंदू धर्म पर हमला है.’
कैबिनेट बैठक में मुद्दा उठाने का आश्वासन
ढाका ट्रिब्यून अखबार ने उनके हवाले से कहा, ‘सोमवार तक 48 जिलों में 278 स्थानों पर हिंदू समुदाय के खिलाफ हमले और धमकियां दी गई हैं. हमने गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (रिटायर) एम सखावत हुसैन को अपनी चिंताओं से अवगत कराया है, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि इन मुद्दों को अगली कैबिनेट बैठक में उठाया जाएगा.’
डे ने इस बात पर भी जोर दिया कि गठबंधन ने पिछले 24 वर्षों में विभिन्न राजनीतिक दलों के समक्ष अपनी मांगें रखी हैं, लेकिन वे पूरी नहीं हुई हैं. उन्होंने कहा, ‘अब हमें उम्मीद है कि अंतरिम सरकार हमारी पुरानी मांगों पर ध्यान देगी. इसके अलावा, हम अपने छात्रों के नेतृत्व में देशव्यापी आंदोलन का समर्थन करते हैं.’
‘हिंदू समुदाय पर हुए हमलों में वृद्धि’
गठबंधन के अध्यक्ष प्रभास चंद्र रॉय ने राजनीतिक परिवर्तन के समय हिंदू समुदाय के खिलाफ बार-बार होने वाली हिंसा पर दुख जताया और कहा, ‘जब भी सरकार बदलती है, तो सबसे पहले हिंदुओं पर हमला होता है.’ उन्होंने कहा, ‘हालांकि अतीत में ऐसी घटनाएं कम होती थीं, लेकिन हाल ही में इनमें वृद्धि हुई है. हम इस देश में सुरक्षा के साथ रहना चाहते हैं. हम यहीं पैदा हुए हैं और इस देश में हमारे अधिकार हैं.’
ढाका ट्रिब्यून ने कहा कि उन्होंने दोषियों के लिए त्वरित सुनवाई और सार्वजनिक जांच रिपोर्ट, सन 2000 से लेकर अब तक अल्पसंख्यक उत्पीड़न की रिपोर्ट जारी करने, दुर्गा पूजा के दौरान तीन दिन की छुट्टी और अल्पसंख्यक मंत्रालय की स्थापना की भी मांग की. इससे पहले शनिवार को दो हिंदू संगठनों, बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद ने दावा किया था कि 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से सप्ताहांत तक बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 52 जिलों में हमलों की कम से कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा.
इस बीच, हिंदू समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत के दौरान यूनुस ने कहा, सभी के अधिकार समान हैं. हम सभी एक ही व्यक्ति हैं और हमारे पास एक ही अधिकार है. हमारे बीच कोई भेदभाव न करें. कृपया हमारी सहायता करें. धैर्य रखें और बाद में निर्णय लें. हम क्या कर पाए और क्या नहीं. अगर हम असफल हों तो हमारी आलोचना करें.
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