नई दिल्ली: बांग्लादेश (Bangladesh) में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के बीच त्रिपुरा की राजधानी अगरतला (Agartala) में पड़ोसी मुल्क के राजनयिक मिशन में हुई तोड़फोड़ मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं परिसर में घुसपैठ के मामले में चार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. इस बीच बांग्लादेश में भारतीय उच्चायुक्त (Indian High Commissioner) को तलब कर घटना का विरोध जताया गया है. साथ ही बांग्लादेश ने अगरतला में अपनी काउंसलर सर्विस भी बंद करने का ऐलान किया है.
दरअसल, सोमवार को अगरतला में स्थित बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में कथित तौर पर कुछ लोगों ने घुसकर तोड़फोड़ की और हंगामा मचाया. इस घटना को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने निंदा की और कार्रवाई करने के आदेश दिए. घटना पर पश्चिम त्रिपुरा के एसपी किरण कुमार के ने पीटीआई को बताया कि ड्यूटी में कथित लापरवाही के लिए पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है.
इस घटना को लेकर न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) पुलिस स्टेशन में स्वत: संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया गया है. घटना में कथित संलिप्तता के लिए अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और कानून के अनुसार कदम उठाएगी.
एसपी ने बताया कि घटना के बाद वाणिज्य दूतावास में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और सीआरपीएफ तथा त्रिपुरा स्टेट राइफल्स (टीएसआर) के जवानों को तैनात किया गया है. यह घटना सोमवार को उस समय हुई जब हिंदू संघर्ष समिति के कार्यकर्ता हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों का विरोध कर रहे थे.
घटना की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा, “विरोध रैली के दौरान युवाओं के एक समूह ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग कार्यालय में घुसने की कोशिश की. मैं घटना की निंदा करता हूं. शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति दी जा सकती है, लेकिन इस तरह का व्यवहार स्वीकार्य नहीं है.”
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है. वर्मा को कल सोमवार को अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में हुई घटना पर बांग्लादेश का विरोध दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है. सूत्रों का कहना है कि वर्मा ने बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के कार्यालय में कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्लाह से मुलाकात की.
वहीं दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायोग की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. चाणक्यपुरी में बांग्लादेश उच्चायोग के आसपास सुरक्षा बढ़ाई गई है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “सुरक्षा बढ़ा दी गई है और आयोग के चारों ओर अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. हम यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि इसके परिसर के आसपास कोई भीड़ न हो.”
उधर, बांग्लादेश ने अगरताला की घटना को अंतरिम सरकार के एक सलाहकार ने मंगलवार को भारत से शेख हसीना शासन के पतन के बाद अपने पड़ोसी का नए सिरे से मूल्यांकन करने को कहा. विधि मामलों के सलाहकार आसिफ नजरुल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “हम समानता और आपसी सम्मान पर आधारित मित्रता में विश्वास करते हैं. जबकि शेख हसीना की सरकार ने बिना चुनाव के सत्ता में बने रहने की भारत समर्थक नीति अपनाई, भारत को यह समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है.”
बता दें कि प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में घुसकर तोड़फोड़ की, जिसे विदेश मंत्रालय (MEA) ने “गहरा खेदजनक” बताया. नज़रुल ने आरोप लगाया कि हिंदू संघर्ष समिति नामक एक संगठन ने अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में तोड़फोड़ की और बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज को आग के हवाले कर दिया.
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