नई दिल्ली । बांग्लादेश (Bangladesh)की नई अंतरिम सरकार (New interim government)ने भारत में जारी अपने नागरिकों पर बयानबाजी (Rhetoric on citizens)पर आपत्ति दर्ज(Objection lodged) कराई है। खबर है कि इस संबंध में ढाका ने भारत सरकार से भी संपर्क साधा है। साथ ही कहा है कि नेताओं को बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ टिप्पणी करने से बचना चाहिए। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान पर भी सवाल उठाए गए हैं, जिसमें उन्होंने झारखंड सरकार पर घुसपैठ बढ़ाने के आरोप लगाए थे।
ढाका में भारतीय उप उच्चायुक्त को एक नोट थमाया
मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने ढाका में भारतीय उप उच्चायुक्त को एक नोट थमाया है। रिपोर्ट के अनुसार, नोट के जरिए बांग्लादेश ने ‘गंभीर आपत्ति, दुख और खासी नाराजगी’ जाहिर की है। खबर है कि ढाका ने भारत सरकार से कहा है कि अपने नेताओं को बांग्लादेशियों के खइलाफ ‘आपत्तिजनक और अस्वीकार्य’ बयान देने से बचने की सलाह दे।
रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि जिम्मेदार नेताओं की तरफ से पड़ोसी देश के नागरिकों के खिलाफ की जा रहीं टिप्पणियां साझा सम्मान और दो देशों के बीच समझ के भाव को कमजोर करती हैं।
क्या था पूरा मामला जानें
शाह ने झारखंड मुक्ति मोर्चा की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार पर वोट बैंक की राजनीति के लिए अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देने के आरोप लगाए थे। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर ध्यान नहीं दिया गया, तो ये अप्रवासी 25-30 साल में राज्य में बहुसंख्यक हो जाएंगे। उन्होंने शुक्रवार को कहा था, ‘राज्य में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। वे हमारी बेटियों से शादी कर रहे हैं, जमीन हड़प रहे हैं और समृद्ध आदिवासी संस्कृति और विरासत को तबाह कर रहे हैं। हम हर एक को बाहर कर देंगे…।’
उन्होंने दावा किया था कि संथल परगना में आदिवासी आबादी घुसपैठ की वजह से 44 फीसदी से घटकर 28 प्रतिशत पर आ गई है। उन्होंने साहिबगंज में हुए 1 हजार करोड़ रुपये के घोटाले, सेना जमीन घोटाले और पेपर लीक घोटाले समेत कई स्कैम का जिक्र किया। उन्होंने कहा था, ‘भर्ती परीक्षा के पेपर लीक करने वालों को भाजपा सरकार उल्टा लटका देगी।’
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