ढाका। बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के प्रमुख (Interim Government, Head) मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने रविवार को आरोप लगाया कि शेख हसीना (Sheikh Hasina.) की ‘क्रूर तानाशाही’ ने डेढ़ दशक के लंबे शासनकाल के दौरान देश की लगभग हर संस्था को नष्ट कर दिया और चुनावों में ‘खुले तौर पर धांधली’ हुई।
शेख हसीना के इस्तीफे और उनके भारत भागने के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यभार संभालने के 10 दिन बाद यूनुस ने पहली बार ढाका में विदेशी राजनयिकों (Foreign diplomats) को ब्रीफ किया. 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता ने देश के पुनर्निर्माण के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन मांगा।
यूनुस ने ढाका में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा सहित राजनयिकों को आश्वासन दिया कि जल्द उनका प्रशासन ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण’ चुनाव कराएगा. उन्होंने कहा, ‘क्रांतिकारी छात्र चाहते हैं कि हम सार्थक और गहरे सुधार करें, जो देश को एक संपन्न लोकतंत्र में बदल दें. यह काम बहुत बड़ा है लेकिन सभी लोगों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के समर्थन से संभव है।
यूनुस ने आरोप लगाया, ‘सत्ता में बने रहने के अपने प्रयासों में, शेख हसीना की तानाशाही ने देश की हर संस्था को नष्ट कर दिया. न्यायपालिका को बिल्कुल तोड़ दिया गया. डेढ़ दशक की क्रूर कार्रवाई से लोकतांत्रिक अधिकारों को दबा दिया गया.’ हसीना जून 1996 से जुलाई 2001 तक और फिर जनवरी 2009 से अगस्त 2024 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री थीं।
‘मुझे एक ऐसा देश मिला जो लगभग बर्बाद था’
यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार जल्द ही ‘स्वतंत्र, निष्पक्ष और भागीदारीपूर्ण’ चुनाव कराएगी लेकिन मतदान तभी होगा ‘जब हम चुनाव आयोग, न्यायपालिका, नागरिक प्रशासन, सुरक्षा बलों और मीडिया में महत्वपूर्ण सुधार करने के अपने जनादेश को पूरा कर लेंगे।
यूनुस ने कहा कि उन्हें एक ऐसा देश मिला है जो शेख हसीना की ‘क्रूर तानाशाही’ के बाद ‘कई मायनों में’ पूरी तरह से बर्बाद था. उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश में दूसरी क्रांति हुई है. हजारों बहादुर छात्र और आम लोग शेख हसीना की क्रूर तानाशाही के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं।
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