नई दिल्ली । भारत (India)ने बृहस्पतिवार को कहा कि तीसरे देशों को निर्यात (Exports to third countries)के लिए बांग्लादेश(Bangladesh) को दी गई पारगमन (Transit) सुविधा वापस लेने का उसका निर्णय ढाका द्वारा शुरू उठाए गए कुछ कदमों के जवाब में लिया गया था, जिससे द्विपक्षीय व्यापार प्रभावित हुआ था। भारत ने ढाका द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी, लेकिन समझा जाता है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा भारतीय धागे के आयात पर रोक लगाने तथा तीन बंदरगाहों को बंद करने के निर्णय के कारण ट्रांसशिपमेंट सुविधा वापस ले ली गई।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हम एक लोकतांत्रिक, समावेशी और समृद्ध बांग्लादेश के पक्ष में हैं। जहां तक व्यापार मुद्दों का सवाल है, पिछले सप्ताह हमने पारगमन सुविधा के संबंध में घोषणा की थी।’’ साप्ताहिक प्रेसवार्ता के दौरान भारत-बांग्लादेश व्यापार संबंधों पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जायसवाल ने यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि हमारे बंदरगाहों और हवाई अड्डों पर भीड़ बढ़ती जा रही है। लेकिन मैं आपको यह भी याद दिलाना चाहूंगा कि इन उपायों की घोषणा से पहले बांग्लादेश की तरफ से जो कुछ हुआ है, उस पर भी नजर डालिए।’’
यह कदम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस द्वारा चीन में दिए गए विवादास्पद बयान के कुछ दिनों बाद उठाया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य, जिनकी बांग्लादेश के साथ लगभग 1,600 किलोमीटर की सीमा लगती है, चारों ओर से जमीन से घिरे हुए हैं तथा इनके पास उनके देश के अलावा महासागर तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं है।
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