ढाका । बांग्लादेश (Bangladesh) में अल्पसंख्यक हिंदुओं (Minority Hindus) पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इस बीच ढाका में भीड़ ने वरिष्ठ पत्रकार मुन्नी साहा (Senior journalist Munni Saha) को घेर लिया और उन पर गलत सूचना फैलाने और बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने के लिए सबकुछ करने का आरोप लगाया। भीड़ ने मुन्नी साहा को परेशान किया। इस दौरान वह कहती रही कि यह उनका भी देश है। हालांकि, पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और उन्हें हिरासत में ले लिया।
भीड़ ने महिला पत्रकार को घेरा
बांग्लादेशी मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, मुन्नी साहा एक छात्र की मौत से जुड़े मामले में वांछित थी। दरअसल, बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के दौरान उस छात्र की मौत हुई थी। पुलिस ने बताया कि कौरान बाजार इलाके में भीड़ ने उन्हें घेरा था, लेकिन उन्हें बचा लिया गया है। ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी रेजाउल करीम मलिक ने कहा, “लोगों ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया। उसे पैनिक अटैक आया था। उसके स्वास्थ्य को देखते हुए हमने उसे छोड़ दिया। सच तो यह है कि वह एक महिला पत्रकार है।” मुन्नी साहा को अदालत से जमानत लेने और भविष्य में पुलिस के समन का पालन करने के लिए कहा गया है।
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में यह कहते हुए सुना गया, “तुम बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने के लिए जो कुछ किया जाना चाहिए सब कर रही हो। छात्रों का खून आपके हाथों में लगा है। तुम इस देश की नागरिक कैसे हो सकती हो।” इसके जवाब में मुन्नी साहा ने कहा, “मैंने क्या नुकसान किया है? यह मेरा भी देश है।”
शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंदुओं हो रहे हमले
बता दें कि शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद कई पत्रकारों पर मानवता के विरुद्ध अपराध का आरोप लगाया गया। पत्रकार मुन्नी साहा पर हमला बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पर चिंताओं के बीच आया। हिंदू दर्मगुरु और इस्कॉन के प्रमुख पुजारी चिन्मय दास सहित 19 लोगों के खिलाफ चटगांव के थाने में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने 25 अक्तूबर को चटगांव के न्यू मार्केट इलाके में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया।
इस्कॉन ने बताया कि दो अन्य पुजारी आदिपुरुष श्याम दास और रंगनाथ दास ब्रह्मचारी को चिन्मय कृष्ण दास से मुलाकात के बाद गिरफ्तार किया गया। इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष ने बताया कि बांग्लादेश में दंगाइयों ने इस्कॉन में तोड़फोड़ की थी।
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