ढाका: बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार (interim government) ने गुरुवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री (Deposed Prime Minister) शेख हसीना (Sheikh Hasina) का राजनयिक पासपोर्ट (diplomatic passport) रद्द (cancels) कर दिया। आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सुश्री हसीना के पासपोर्ट के साथ-साथ पूर्व सरकारी मंत्रियों और पूर्व सांसदों के पासपोर्ट जो अब अपने पदों पर नहीं हैं, उन्हें रद्द किया गया है। हसीना बांग्लादेश में छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा के बाद स्थिति को संभालने में नाकाम रहीं थी। इस कारण उन्हें इस्तीफा देकर भारत भागना पड़ा था। उनके अपदस्थ होने के पहले के हफ्तों में 450 से अधिक लोग मारे गए थे, जिसमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
अवामी लीग के कई नेताओं के राजनयिक पासपोर्ट रद्द
आंतरिक मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री, उनके सलाहकार, पूर्व कैबिनेट और भंग राष्ट्रीय विधानसभा के सभी सदस्य अपने पदों के आधार पर राजनयिक पासपोर्ट के लिए पात्र थे। यदि उन्हें उनके पदों से हटा दिया गया है या वे सेवानिवृत्त हो चुके हैं, तो उनके और उनके जीवनसाथी के राजनयिक पासपोर्ट रद्द किए जाने चाहिए।” हसीना की सरकार पर बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया था, जिसमें राजनीतिक विरोधियों की सामूहिक हिरासत और न्यायेतर हत्या शामिल है।
हसीना को सामान्य पासपोर्ट लेने को कहा
बांग्लादेश की नई सरकार ने कहा कि हसीना और उनके कार्यकाल के दौरान अन्य पूर्व शीर्ष अधिकारी मानक पासपोर्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं, लेकिन वे दस्तावेज अनुमोदन पर निर्भर हैं। मंत्रालय ने कहा, “जब उपर्युक्त लोग सामान्य पासपोर्ट के लिए नए सिरे से आवेदन करते हैं, तो उनके पासपोर्ट जारी करने के लिए दो सुरक्षा एजेंसियों को उनके आवेदन को मंजूरी देनी होती है।”
भारत की करीबी हैं शेख हसीना
शेख हसीना को भारत का करीबी सहयोगी माना जाता है। भारत ने शुरू से ही हसीना को उनकी प्रतिद्वंदी खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से ज्यादा तरजीह दी है। भारत ने बीएनपी को हमेशा से रूढ़िवादी इस्लामवादी समूहों के करीबी और भारत विरोधी माना है। वहीं, भारत ने नए बांग्लादेशी नेता नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस को भी अपना समर्थन देने की पेशकश की है, जो कार्यवाहक प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं।
बीएनपी ने की हसीना के प्रत्यर्पण की मांग
बांग्लादेश की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने शेख हसीना पर देश में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। फखरुल इस्लाम ने कहा कि शेख हसीना को शरण देकर भारत बांग्लादेशियों का दिल नहीं जीत सकता। उन्होंने भारत पर लोकतंत्र के समर्थन से पीछे हटने का भी आरोप लगाया।
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