ढाका. बांग्लादेश (Bangladesh) की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस (mohammed yunus) ने शनिवार को हिंसा प्रभावित अल्पसंख्यक (minorities) समुदायों पर हमलों की निंदा की. उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को जघन्य (heinous) बताया और सभी युवाओं से हिंदू, ईसाई, बौद्ध परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
बांग्लादेश के दो हिंदू संगठनों- बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और बांग्लादेश पूजा उद्यापन परिषद के अनुसार, 5 अगस्त को शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को 53 जिलों में हमलों की कम-से-कम 205 घटनाओं का सामना करना पड़ा. साथ ही हिंसा से बचने के लिए हजारों बांग्लादेशी हिंदू पड़ोसी देश भारत में जाने की कोशिश कर रहे हैं.
ढाका ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, रंगपुर शहर में बेगम रुकैया विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा, “आपके प्रयासों को बर्बाद करने के लिए कई लोग खड़े हैं. इस बार असफल मत होइए. यूनुस ने देश में अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की स्पष्ट रूप से निंदा की और इन हमलों को “जघन्य” बताया और सभी छात्रों से अल्पसंख्यक हिंदू, ईसाई और बौद्ध परिवारों को नुकसान से बचाने का आग्रह किया.
हम साथ लड़े हैं और साथ रहेंगे: यूनुस
उन्होंने राष्ट्र की एकता पर जोर देते हुए कहा कि क्या वे इस देश के लोग नहीं हैं, आप देश को बचाने में सक्षम हैं. क्या आप कुछ परिवारों को नहीं बचा सकते? आपको कहना होगा कि कोई उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगा. वे मेरे भाई हैं, हम एक साथ लड़े और हम एक साथ रहेंगे. यूनुस ने युवा नेतृत्व के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये बांग्लादेश, अब आपके हाथों में है. आप इसे, जहां चाहें वहां ले जाने की शक्ति रखते हैं यह चर्चा का विषय नहीं है, यह आपके अंदर की एक शक्ति है.
‘छात्र नेता अबू सईद को करें याद’
उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से भी आग्रह किया कि वह छात्र नेता अबू सईद को याद करें जो सरकार विरोधी प्रदर्शनों के दौरान बहादुरी से खड़े रहे, जिसके कारण शेख हसीना सरकार गिर गई थी. रंगपुर के बेगम रुकैया विश्वविद्यालय के 25 वर्षीय सईद 16 जुलाई को भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे.
हिंदू संगठनों ने किया प्रदर्शन
द डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों सहित हजारों हिंदू आंदोलनकारियों ने देश के विभिन्न हिस्सों में अपने घरों, दुकानों और मंदिरों पर हमलों के विरोध में शनिवार को लगातार दूसरे दिन शाहबाग चौराहे पर प्रदर्शन किया.
उन्होंने “हिंदुओं को बचाओ,” “मेरे मंदिरों और घरों को क्यों लूटा जा रहा है? हम जवाब चाहते हैं,” “स्वतंत्र बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न जारी नहीं रहेगा,” “धर्म व्यक्तियों के लिए है, राज्य सभी के लिए है”, और “हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें” जैसे नारे लगाए.
ढाका में समुदाय के नेताओं के अनुसार, कई हिंदू मंदिरों-घरों और व्यवसायों में तोड़फोड़ की गई. महिलाओं पर हमला किया गया और हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम-से-कम दो हिंदू नेताओं की हिंसा में मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए तत्काल कदम नहीं उठाए गए तो वे लगातार विरोध करते रहेंगे.
उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए एक मंत्रालय के गठन, अल्पसंख्यक संरक्षण आयोग की स्थापना, अल्पसंख्यकों पर सभी प्रकार के हमलों को रोकने के लिए सख्त कानून बनाने और लागू करने और अल्पसंख्यकों के लिए 10 प्रतिशत संसदीय सीटें आवंटित करने की भी मांग की.
यूनुस ने गुरुवार को ली शपथ
द डेली स्टार अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली. उन्होंने रंगपुर के पीरगंज उपजिला में सईद के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की.
सईद के परिवार से मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “हमें उसी तरह खड़ा होना होगा जैसे अबू सईद खड़े थे…अबू सईद की मां हर किसी की मां हैं. हमें उनकी रक्षा करनी है, उसकी बहनों की रक्षा करनी है, उसके भाइयों की रक्षा करनी है. सभी को इसे मिलकर करना होगा.
उन्होंने कहा कि हम इसके माध्यम से उन्हें (अबू सईद) याद रखेंगे. इसलिए हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम वह काम (आवश्यक) करें. यूनुस ने कहा, अबू सईद अब सिर्फ एक परिवार का सदस्य नहीं है. वह बांग्लादेश के सभी परिवारों का बच्चा है जो बच्चे बड़े होकर स्कूल और कॉलेज जाएंगे, वे अबू सईद के बारे में जानेंगे और खुद से कहेंगे, ‘मैं भी न्याय के लिए लड़ेंगे. अबू सईद अब हर घर में है.
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