इंदौर। शहर में पिछले कुछ सालों से अपराध में बाणगंगा थाना नंबर वन पर बना हुआ है। इस साल भी वह नंबर वन पर है। वहीं सबसे कम अपराध हर साल की तरह सराफा थाने में दर्ज हुए हैं। पिछले सात सालों से इंदौर में अपराध में नंबर वन पर बाणगंगा थाना है। इस साल भी अब तक यहां सबसे अधिक 1875 केस दर्ज हुए हैं और तीन दिन अभी भी शेष हैं। सबसे कम अपराध इस बार भी सराफा थाने में दर्ज हुए हैं। यहां इस साल अब तक 142 केस दर्ज हुए हैं।
9 थानों में एक हजार से अधिक केस
शहर में बढ़ रहे अपराधों में सबसे अधिक शहर के 9 थानों में दर्ज हुए हैं। इसमें नंबर वन बाणगंगा, दूसरे नंबर पर लसूडिय़ा थाना है। लसूडिय़ा में इस साल अब तक 1740 केस दर्ज हुए हैं। इसके बाद भंवरकुआं थाने में 1354, विजयनगर में 1193, चंदननगर में 1417, खजराना में 1007, राजेंद्रनगर में 1023 केस दर्ज हुए हैं। इसके अलावा द्वारकापुरी और एरोड्रम में भी लगभग एक हजार केस अब तक दर्ज हुए हैं। शहर में 32 थानों में सबसे अधिक केस इन थानों में दर्ज हुए हैं। इसके अलावा बाकी थानों में साल में 500 के लगभग केस दर्ज हुए हैं।
तीन नए थानों का प्रस्ताव है अटका
शहर में सबसे अधिक केस बाणगंगा, लसूडिय़ा और भंवरकुआं थाने में दर्ज हुए हंै। इन तीनों थानों को तोडक़र सुपर कॉरिडोर, महालक्ष्मीनगर और पालदा थाने का प्रस्ताव एक साल पहले मुख्यालय भेजा गया, लेकिन वह कागजों में है। इसके चलते ये थाने अपराध में सबसे टॉप पर हैं।
व्यावसायिक और संवेदनशील थानों में कम अपराध
शहर में सराफा, एमजी रोड, कोतवाली, छोटी ग्वालटोली थाने ऐसे हैं, जहां रहवासी कम हैं। इन थानों में अपराध कम हुए हैं, जबकि संवेदनशील थाने रावजी बाजार, पंढरीनाथ, छत्रीपुरा, सदर बाजार में भी 500 से कम अपराध इस साल दर्ज हुए हैं। इसके पीछे पुलिस का तर्क है कि ये क्षेत्र व्यापारिक होने, बस्तियां न होने के कारण यहां अपराध कम हुए हैं।
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