इंदौर। बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग पर बने रेल ओवरब्रिज के हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। फिलहाल ब्रिज का मेंटेनेंस पीडब्ल्यूडी के जिम्मे है, जिसे नियमानुसार एक-डेढ़ साल के भीतर नगर निगम को हस्तांतरित हो जाना चाहिए था, लेकिन पूर्व के अफसर ऐसा करना भूल गए।
अब विभाग ने पुराना रिकॉर्ड टटोला तो पता चला कि बनने के बाद से यह ब्रिज निगम को हस्तांतरित ही नहीं हुआ है। इस वजह से ब्रिज की सारी जवाबदारी, मरम्मत और सुधार कार्य का जिम्मा पीडब्ल्यूडी के पास ही है। तथ्य ध्यान में आते ही पीडब्ल्यूडी ने नगर निगम से इस संबंध में पत्राचार शुरू किया है। जवाब में नगर निगम के अफसरों ने कहा है कि ब्रिज हस्तांतरण से पहले दोनों विभागों के अधिकारियों को संयुक्त निरीक्षण करना होगा। इससे यह पता चल सकेगा कि ब्रिज पर कहां मरम्मत या सुधार की जरूरत है। ब्रिज की सभी लाइट चालू हैं या नहीं या ब्रिज की जालियां टूटी-फूटी तो नहीं हैं। इसी तरह ब्रिज की स्लैब को भी देखा जाएगा कि कहीं उसकी मरम्मत की जरूरत तो नहीं है। पीडब्ल्यूडी से सभी जरूरी और अधूरे कार्य पूरे करवाए जाएंगे। तब इसका रखरखाव नगर निगम स्वीकार करेगा।
दो चरणों में हुआ था निर्माण
बाणगंगा क्रॉसिंग पर पहले टू लेन ब्रिज बनाया गया था, लेकिन दोनों तरफ फोर लेन सडक़ होने के कारण ब्रिज बॉटल नेक बन गया था, जिस पर ट्रैफिक जाम होने लगा। फिर पहले ब्रिज के समानांतर एक और टू लेन ब्रिज बनाकर कमी दूर की गई। यह काम करीब आठ साल पहले हुआ था। तब से अब तक ब्रिज हस्तांतरण की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई थी।
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