कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज औरैया व इटावा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। वह जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर इन जिलों में संचालित राहत व बचाव कार्यों की मौके पर समीक्षा भी करेंगे। जिला प्रशासन के मुताबिक यमुना में आई बाढ़ से अजीतमल और औरैया तहसील के 24 गांव प्रभावित हैं। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बाढ़ प्रभावित गांवों का दोपहर में हवाई दौरा करेंगे।
इटावा में बाढ़ से प्रभावित यमुना नदी के उत्तरी किनारे के बकेवर व लवेदी क्षेत्र के गांवों लखनपुर घार, कछपुरा, अन्दावा मडैया, मड़ैया, दिलीपनगर, मडैया मल्हान, पठा, चिन्डोली, मुचाई आदि गांवों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को हवाई सर्वेक्षण कर जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री यमुना नदी के साथ-साथ जलस्तर बढ़ने से प्रभावित नदी के दोनों किनारे के बाढ़ से प्रभावित हुए तहसील क्षेत्र के करीब 30 से अधिक गांवों का हवाई सर्वेक्षण कर नुकसान का जायजा लेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन तैयारी में जुटा है।
वह ढाई बजे गेल दिबियापुर में हेलीकाप्टर से उतरकर ककोर मुख्यालय पहुंचेंगे। जहां पर बाढ़ प्रभावित गांव में राहत और बचाव के साथ दी जाने वाली मदद को लेकर अफसरों के साथ बैठक करेंगे। डीएम सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। औरैया के बाद शाम चार बजे वह इटावा जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण करेगे और राहत कार्यों की समीक्षा करेंगे।
मौसम के उतार चढ़ाव के चलते जिला प्रशासन ने सीएम के कार्यक्रम को सुरक्षात्मक ढंग से बदला है। एसएसपी डॉ. ब्रजेश कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में बदलाव की पुष्टि करते हुये ये जानकारी दी है। पहले सीएम योगी को चकरनगर तहसील के हनुमंतपुरा में बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री बांटनी थी लेकिन अब मुख्यमंत्री चकरनगर के बजाय पुलिस लाइन में उतरेंगे। पुलिस लाइन के जिम्नेजियम हाल में ही पीड़ितों को राहत प्रदान करने के साथ सीएम लोगो को संबोधित करेगे।
कानपुर बांदा मार्ग प्रभावित, कई जगह पर लोगों को रही परेशानी
यमुना की सहायक नोन और ससुर खदेरी नदी भी उफान पर हैं। इन दोनों नदियों पर बने पुल बाढ़ में डूब गए हैं। इस कारण से यातायात बुरी तरह से प्रभावित है और वाहनों का आवागमन बंद हो गया है। लोग नाव से पार होकर आवागमन कर रहे हैं। दर्जनों गांवों से संपर्क टूट गया है। वहीं, गंगा का जलस्तर 24 घंटे से स्थिर है। मात्र पांच सेमी पानी बढ़ा है। बाढ़ नियंत्रण रिपोर्ट के अनुसार यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से 90 सेमी ऊपर बह रहा है। जबकि गंगा नदी चेतावनी निशान से 40 सेमी ऊपर है।
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