उज्जैन। बैंड बाजा व्यवसाय 1 मार्च होलाष्टक से बंद पड़ा हुआ था और इसके बाद लॉकडाऊन शुरू हो गया। अनलॉक होने के बावजूद भी यह व्यवसाय पूरी तरह चौपट है। इस वजह से शहर के करीब 3 हजार परिवारों पर रोजी रोटी का संकट आ खड़ा हुआ है और भुखमरी का सामना कर रहे हैं। बैंड एसोसिएशन के अध्यक्ष बाबूलाल गंधर्व, मुन्नालाल, गौरीशंकर दुबे ने बताया कि शहर में करीब 30 दुकानें बैंड बाजे की हंै और इससे जुड़े कर्मचारी अब रोटी को मोहताज हो रहे हैं। 5 महीने से बेरोजगारी का दंश झेल रहे बैंड वालों को अब देव प्रबोधिनी एकादशी तक तक इंतजार करना होगा। पूरे 11 माह तक इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को बेरोजगारी का दंशा झेलना पड़ेगा।
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