बुरहानपुर। जिले में करीब पांच दिन पहले आए आंधी, तूफान और बारिश के कारण केली फसल को खासा नुकसान पहुंचा। जिसके कारण किसान चिंतित हैं। सबसे ज्यादा नुकसान नेपानगर (nepanagar) क्षेत्र में हुआ था। यहां करीब 13 गांवों के 300 से अधिक किसानों की केला फसल (banana crop) बर्बाद हुई है। जिसके कारण किसान चिंतित हैं। मुआवजे की प्रक्रिया अभी शुरू भी नहीं हुई है। पटवारियों द्वारा खेतों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके तहत बुधवार को एसडीएम दीपकसिंह चौहान (SDM Deepak Singh Chauhan) और तहसीलदार ने आठ से अधिक गांवों का सर्वे का निरीक्षण किया। प्रभावित फसलों की स्थिति का जायजा लिया। एक दो दिन में पटवारियों से रिपोर्ट मिलने के बाद मुआवजा प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
यहां हुआ था नुकसान-
आंधी, बारिश के कारण क्षेत्र में नसीराबाद, निम्ना, लिंगा, अंबाड़ा, देवरी, नेवरी, बाड़ा जैनाबाद आदि गांवों में नुकसान हुआ। सबसे अधिक नुकसान अंबाड़ा, लिंगा, निम्ना में बताया जा रहा है, हालांकि अभी राजस्व विभाग सर्वे में जुटा है। नुकसानी कहां सबसे ज्यादा हुई है यह पटवारियों की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा। एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर के अधिकारियों को भी इस बार सर्वे में शामिल किया गया है। ताकि सही आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जा सके।
गौरतलब है कि पिछले दिनों हवा, आंधी और बारिश के कारण नेपानगर तहसील के करीब 13 गांवों के 300 से अधिक किसानों की केला फसल खराब हुई है। इसे लेकर बुधवार को एसडीएम दीपकसिंह चौहान, तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर ने प्रभावित गांवों में खेतों का निरीक्षण किया। तहसीलदार सुंदरलाल ठाकुर ने बताया कि हिंगना, अंबाड़ा, देवरी, नेवरी, शंकरपुरा सहित अन्य गांवों में निरीक्षण किया गया। 13 गांवों में करीब 22 मकानों की छतें उड़ने का मामला भी सामने आया है। पटवारी सर्वे में लगे हुए हैं। जल्द प्रकरण बनाकर मुआवजा की प्रक्रिया की जाएगी।
यह है किसानों की पीड़ा- बैकों से वापस कर दिए गए थे प्रकरण
किसानों का कहना है कि हमने 23 नंवबर 2020 को कलेक्टर को ज्ञापन दिया था। जिसमें कहा गया था कि जिले समस्त केला उत्पादक किसानों की केला फसल के निरीक्षण के उपरांत प्रीमियम जमा कर केला फसल का बीमा करवाने की आवश्यकता है। जिले के समस्त केला उत्पादनकर्ता किसान भारत सरकार की अधिसूचना जारी नहीं होने के कारण केला फसल को लेकर चिंतित हैं। तब किसानों से बैंक द्वारा बीमा की प्रीमियम राशि कुछ माह पूर्व प्राप्त की गई थी परंतु बाद में यह राशि वापस लौटा दी गई। इससे किसानों को केला फसल का बीमा नहीं होने के कारण आने वाले समय में मौसम परिवर्तन होने से केला फसल नुकसान से केला उत्पादक किसानों को आर्थिक क्षति कारित होगी। इस पर विचार नहीं किया गया। अब आंधी से फिर जिले में केला फसल प्रभावित हुई है।
– केला फसल को हर साल नुकसान पहुंच रहा है, लेकिन इसके बावजूद अधिकांश किसान केली फसल ही लगाने में रूचि दिखा रहे हैं। जबकि अधिकारियों का कहना है कि अन्य फसलों की तरफ भी किसानों को रूचि दिखाना चाहिए।
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