किन्नौर: हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले में उत्तराखंड की तरफ से ट्रैकिंग करने पर जिला प्रशासन ने रोक लगाई है. यहां पर ट्रैकिंग के दौरान पर्वतारोहियों की मौत के बाद प्रशासन ने यह कदम उठाया है. बाकायदा, किन्नौर के डीसी आबिद हुसैन सादिक ने देहरादून के डीएम को चिट्ठी लिखी है. डीसी किन्नौर ने डीएम से उत्तराखंड की तरफ से जितने भी ट्रैकिंग रूट्स और स्थल हैं, उन इलाको से किन्नौर जिला की ओर ट्रैकिंग रोकने के लिए कहा है.
जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड से बरासु पास,लामखागा, खिमल्याट पास, लिमखोगा पास से होकर किन्नौर पहुंचा जाता है. लेकिन अब बीते कुछ साल से इन रूट्स पर बड़ी संख्या में ट्रैकर्स की मौत हो रही है. किन्नौर की सांगला वैली और रोहड़ू को जोड़ने वाले रूपिन पास और बुराँग पास से कई ट्रैकर्स ट्रेकर लापता होते रहते हैं और फिर किन्नौर प्रशासन और आईटीबीपी की रेस्क्यू टीम को मशक्क्त के बाद ट्रैकरों को खोजती है.
डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि किन्नौर और उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों से ट्रैंकिंग में हादसे हो रहे हैं. अब किन्नौर की तरफ से ट्रैकिंग पॉइंट को बन्द किया गया है. यदि कोई गुपचुप तरीके से ट्रैकिंग करेगा तो उनपर सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी. उन्होंने बताया कि अब तक उत्तराखंड और किन्नौर के सीमांत क्षेत्रों में ट्रैंकिंग के दौरान 10 ट्रैकरों की मौत हो चुकी है और 12 लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. दो लोग आजतक इस ट्रैकरों का आज तक पता नहीं चला है. 4 सितम्बर को खिमलोगा पास पर एक ट्रैकर की मौत हुई थी.
डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक़ ने बताया कि उत्तराखंड से 28 अगस्त 2022 को 3 ट्रैकर और 5 पोर्टर किन्नौर जिले के छितकुल के लिए रवाना हुये थे. इनमें से एक ट्रैकर 50 वर्षीय नरोत्तम राम और 3 पोर्टर छितकुल पहुंचे और बताया था कि एक ट्रैकर सुजॉय डुले की खिमलोगा दर्रे को पार करते हाथ से रस्सी छूटने के चलते मौत हो गई है, जबकि दूसरा ट्रैकर 49 वर्षीय सुब्रोतो विश्वास घायल है. उन्होंने बताया कि रेस्क्यू टीम सभी ट्रैकरो और पोर्टर्स को सुरक्षित छितकुल लाई है. लेकिन एक शव अब भी दर्रे पर फंसा हुआ है.
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