उज्जैन। महाकाल के आसपास 500 मीटर यानि कि आधा किलोमीटर क्षेत्र में नक्शे पास नहीं हो रहे हैं और विस्तारीकरण के कारण इन पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में न तो मकानों की बिक्री हो रही है और न ही यहाँ के होटल लाज बिक रहे हैं। महाकाल लोक बनने के बाद क्षेत्र में जमीनों के भाव आसमान छू गए हैं लेकिन महाकाल के आसपास की संपत्तियाँ नहीं बिक रही है। ऐसे में लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें और भविष्य क्या होगा। पिछले कई महीनों से नक्शों पर भी रोक लगी हुई है। चौबीस खंबा, गुदरी क्षेत्र के मकान भी नहीं बिक रहे हैं।
महाकाल लोक के पहले चरण के बाद इस क्षेत्र के आधा किलोमीटर के हिस्से में रजिस्ट्रियों पर रोक लग गई और नक्शे भी पास हो रहे हैं। अभी दूसरे चरण का काम शुरू हो चुका है और ऐसे में यहाँ की संपत्तियों के मालिकों की जान सांसद में फँसी हुई है और वे अपने मकान तथा भूमि बेचने की फिराक में है लेकिन उन्हें खरीददार नहीं मिल रहे हैं। महाकाल के आसपास जयसिंहपुरा, सिंहपुरी, कहारवाड़ी, हरसिद्धि क्षेत्र चारधाम के सामने त्रिवेणी संग्रहालय जाने वाले मार्ग सहित जयसिंहपुरा और आसपास के इलाकों में जमीन के भाव तो बढ़ गए हैं।
यहाँ के लोगों का कारोबार भी बढ़ा है लेकिन तीन चरणों में यहाँ और भी जमीन का अधिग्रहण होने की आशंका बनी हुई है और संपत्तियों के मालिक अपने मकान और जमीन बेचने की फिराक में हैं लेकिन यहां अभी की स्थिति में कोई भी खरीददार खरीदी करने को तैयार नहीं हो रहा है, क्योंकि इन सभी जगह की संपत्तियों की रजिस्ट्री पर रोक लग गई और नगर निगम नक्शे भी पास नहीं हो रहे हैं। यह स्थिति आने वाले दो सालों तक ऐसे ही बनी रहने की संभावना बन रही है क्योंकि महाकाल के आसपास का आधा किलोमीटर का क्षेत्र महाकाल लोक के निर्माण के तीन चरणों में पूरा होना है और कहाँ-कहाँ से भूमि अधिग्रहित होगी, यह पूरी योजना तैयार होने के बाद पता चल पाएगा।
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