ग्वालियर: हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने एक बार फिर नर्सिंग परीक्षा पर लगी रोक हटाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने मध्य प्रदेश नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल और निजी कॉलेज संचालकों की कार्यप्रणाली पर कड़ी नाराजगी जताई. सख्त टिप्पणी करते हुए कहा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं. ऐसे लोगों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी गई जो नर्सिंग का एन(N) भी नहीं जानते.
मध्यप्रदेश में 28 फरवरी को नर्सिंग की परीक्षा होनी थी. हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में लगी जनहित याचिका के बाद परीक्षाओं पर रोक लगा दी गई थी. प्रदेश के हजारों छात्रों के भविष्य का हवाला देकर परीक्षा पर लगी रोक हटाने की गुजारिश कोर्ट से की गई है.
इस मामले में सरकार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश में 485 नर्सिंग कॉलेज हैं. इनमें 440 पुराने हैं जबकि 45 नए कॉलेजों को मान्यता दी गई है. 130 कॉलेज ऐसे हैं जो सीबीआई की जांच के दायरे से बाहर हैं. बाकी बचे 350 कॉलेजों के दस्तावेजों की जांच की गई है. इन कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया की जांच की गई और इसकी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश की गई है.
कोर्ट की टिप्पणी-राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कॉलेज समाज में जहर घोल रहे
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ ने प्राइवेट कॉलेज संचालकों और मप्र नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल पर गंभीर टिप्पणी की है. ग्वालियर बेंच ने महाधिवक्ता से कहा आप अभी इस केस से जुड़े हैं, जबकि इन लोगों ने 3 साल में क्या-क्या तमाशा किया ये आपको नहीं बताया है. प्रदेश में एक बार धांधली हो चुकी है, ऐसे में हम उन्हीं लोगों को फिर से परीक्षा आयोजित कराने की जिम्मेदारी कैसे दे सकते हैं.
मप्र नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल का रिकॉर्ड बहुत खराब है. उस पर भरोसा नहीं कर सकते. कोर्ट ने कहा राजनीतिक संरक्षण प्राप्त कॉलेज समाज में जहर घोल रहे हैं. ऐसे लोगों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई जो नर्सिंग का एन(N) भी नहीं जानते. वहीं कोर्ट ने मामले में सीबीआई अधिकारी को बुलाया है. माना जा रहा है कि सीबीआई को मामले की जांच सौंपी जा सकती है.
2 महीने से नर्सिंग परीक्षा पर रोक बरकरार
मध्यप्रदेश में जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के जरिए प्रदेशभर में नर्सिंग परीक्षा आयोजित होना थी. इन परीक्षाओं में धांधली का आरोप लगाते हुए ग्वालियर के अधिवक्ता दिलीप शर्मा ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी. इसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने परीक्षा के 1 दिन पहले 27 फरवरी को नर्सिंग परीक्षा पर रोक लगा दी थी. इस कारण बीएससी नर्सिंग, बीएससी पोस्ट बेसिक, एमएससी नर्सिंग की परीक्षाएं नहीं हो पाई है. जबकि मेडिकल यूनिवर्सिटी ने दो नोटिफिकेशन जारी कर सत्र 2019-21 के छात्रों को परीक्षा की अनुमति दे दी थी.
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