वाराणसी: महाकुंभ (Maha Kumbh) के शुरू होने के साथ ही वाराणसी नगर निगम (Varanasi Municipal Corporation) द्वारा ऐतिहासिक फ़ैसला लिया गया है. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर की परिधि के अंदर मांस और मछली बेचना प्रतिबंधित रहेगा. नगर निगम ने इस व्यवस्था को लागू कर दिया है. जनवरी 2024 में नगर निगम की कार्यकारिणी द्वारा इस नियम को पारित किया गया था, लेकिन ये अब जाकर लागू किया गया है. नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने बताया कि ये प्रस्ताव पिछले साल जनवरी में कार्यकारिणी द्वारा पारित किया गया था. अब जाकर इसे लागू किया गया है.
नगर निगम के कल्याण एवं पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर संतोष पाल ने टीवी9 डिजिटल को बताया कि हमने 56 लोगों को नोटिस जारी किया था कि मटन, चिकन और मछली बेचना बंद करें, लेकिन वो नहीं मानें, तब हमने 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. ये तय हुआ है कि श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दो किलोमीटर की परिधि में मांस बेचना प्रतिबंधित रहेगा. डॉक्टर संतोष पाल ने बताया कि मटन-चिकन के कारोबार से जुड़े लोगों के वैकल्पिक व्यवस्था के लिए भी विचार हो रहा है.
मटन-चिकन के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि एकाएक नोटिस भेज दिया गया और हमें अवैध बताया गया है. वहीं रेवड़ी तालाब के शमीम अहमद कहते हैं कि हम 50 साल से ये धंधा करते आ रहे हैं और अब हमें कहा जा रहा है कि ये सब बंद करो. बंद करो तो भाई ये भी तो बताओ कि हम जाए कहां? कहां कारोबार करें.
बेनिया के मेराज अहमद कहते हैं कि हमें मेयर अशोक तिवारी जी पर पूरा भरोसा है. उन्होंने हमें दो दिन का समय दिया है. कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए. इस नियम के लागू होने के बाद बेनिया, सोनारपुरा, रेवड़ी तालाब, जगतगंज, मदनपुरा और औरंगाबाद जैसे इलाकों में मटन-चिकन और मछली का कारोबार प्रतिबंधित रहेगा.
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