मुंबई। सेबी ने म्यूचुअल फंड हाउसों को झटका देते हुए एक जुलाई तक नई योजनाएं लॉन्च करने पर रोक लगा दी है। इसका कारण यह है कि निवेशक अगर किसी भी तीसरी पार्टी यानी वितरकों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या स्टॉक ब्रोकर के जरिये निवेश करते हैं तो यह पैसा सीधे फंड हाउसों के खाते में जाना चाहिए, न कि इन लोगों के खातों में।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एंफी) को भेजे पत्र में सेबी ने कहा कि जब तक यह मामला नहीं सुलझता है, तब तक नई योजनाओं को लॉन्च करने पर पाबंदी रहेगी।
केवल फंड हाउस के नाम से ही चेक लिया जाएगा
म्यूचुअल फंड वितरक केवल फंड हाउस के नाम से ही चेक या या ऑटो डेबिट के लिए निवेशक की मंजूरी ले सकता है। यूनिट बेचते समय दो बार इसे सुनिश्चित करना होगा कि सही निवेशक ही अपनी यूनिट बेच रहा है।
एक अप्रैल से लागू होना था नियम
सेबी ने यह भी निर्देश दिया था कि इस नियम को एक अप्रैल, 2022 से लागू किया जाए। हालांकि पिछले महीने ही एंफी ने सेबी से अपील की थी कि इसके लिए थोड़ा और समय दिया जाए, क्योंकि नई व्यवस्था को अपनाने के लिए अभी पूरी तैयारी नहीं है।
सेबी ने इस अपील को मानते हुए कहा कि एक जुलाई से इसे लागू किया जाए। इसके साथ ही एम्फी को भेजे गए पत्र में सेबी ने कहा कि अक्तूबर, 2021 से इसके लिए काफी समय दिया जा चुका है।
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