परिवहन विभाग द्वारा जल्द सुनवाई के आवेदन को कोर्ट ने खारिज किया, अस्थायी परमिट वाले बस संचालक बरात परमिट लेकर दौड़ा रहे बसें
इंदौर। इंदौर (Indore) से प्रदेश के प्रमुख मार्गों पर संचालित होने वाली बसों (Bus) के स्थायी और अस्थायी परमिट 2 अप्रैल तक जारी नहीं हो सकेंगे। कोर्ट द्वारा इस मामले में सुनवाई के लिए लगाए गए आवेदन को खारिज कर दिया है। अब 2 अप्रैल को सुनवाई में निर्णय के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। इसके कारण इंदौर की 300 से ज्यादा बसों का संचालन प्रभावित हो रहा है।
उल्लेखनीय है कि परिवहन विभाग द्वारा बसों के स्थायी परमिटों की सुनवाई आयोजित किए जाने पर एक बस संचालक द्वारा कोर्ट में याचिका लगाते हुए इस पर आपत्ति ली थी। बस संचालक का तर्क था कि परिवहन विभाग बिना बसों की फ्रिक्वेंसी (दो बसों के बीच समय का अंतर) और रूट फार्मूलेशन तय किए बिना परमिट जारी नहीं कर सकते हैं और सुनवाई भी नहीं कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ने स्टे दे दिया था। इस पर परिवहन विभाग द्वारा बसों के अस्थायी परमिट जारी करने पर भी 1 मार्च से रोक लगा दी है। परिवहन अधिकारियों का कहना है कि अस्थायी परमिट एक माह के लिए होते हैं और माह खत्म होने के बाद बस संचालक को दोबारा नया आवेदन करना होता है, लेकिन कोर्ट ने नए परमिटों की सुनवाई और जारी करने पर रोक लगाई है। इसके कारण इंदौर की 300 से ज्यादा बसों को 1 मार्च से अस्थायी परमिट नहीं मिल पा रहा है। इस मामले के निराकरण के लिए पिछले दिनों परिवहन विभाग ने हाई कोर्ट में इस मामले को प्राथमिकता पर सुने जाने के लिए विशेष आवेदन किया था। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट ने इसे यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला इतना ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। अब मामले की सुनवाई की अगली तारीख 2 अप्रैल की लगी है। इस दिन सुनवाई तक परमिट जारी नहीं हो पाएंगे। इस दिन भी स्टे खारिज होता है, तब ही परमिट जारी हो पाएंगे, अन्यथा निराकरण तक रोक जारी रहेगी।
बरात परमिट लेकर दौड़ा रहे बसें, चुकाना पड़ रहा ज्यादा टैक्स
अधिकारियों ने बताया कि बस संचालकों द्वारा रूट्स पर अपने एकाधिकार को बनाए रखने के लिए नए परमिटों की सुनवाई को हमेशा बाधित किया जाता है। कभी नेताओं से फोन करवाए जाते हैं तो कभी कोर्ट में आपत्ति लगाई जाती है। इस बार यह आपत्ति बस संचालकों के गले की हड्डी बन गई है, क्योंकि उनके ही परमिट अटक गए हैं। बसों का संचालन जारी रखने के लिए बस संचालक बरात परमिट लेकर बसों को चला रहे हैं, जिसके लिए उन्हें ज्यादा टैक्स भी चुकाना पड़ रहा है और परिवहन विभाग जांच के दौरान ऐसी बसों पर कार्रवाई भी कर रहा है, क्योंकि बरात परमिट पर नियमित बसों का संचालन नहीं किया जा सकता है।
बस संचालक बोले- सभी बसों को बंद कर देंगे
परमिट जारी न हो पाने से नाराज बस संचालकों ने पिछले दिनों आरटीओ प्रदीप शर्मा को धमकी देते हुए कहा था कि वे सभी बसों का संचालन बंद कर देंगे। इस पर आरटीओ ने कल सभी बस संचालकों की आरटीओ ऑफिस में बैठक बुलाई थी। इसमें आरटीओ ने कहा कि परमिट जारी करने पर रोक बस संचालकों की याचिका के आधार पर ही कोर्ट ने लागू की है। इसमें विभाग कुछ नहीं कर सकता है। अगर बस संचालन बंद करेंगे तो ये कोर्ट के आदेश का विरोध होगा। इस पर बस संचालक निरुत्तर हो गए। अधिकारियों ने बस संचालकों को यह भी समझाया कि अगर वे मामले का जल्द निराकरण चाहते हैं तो जिस बस संचालक ने याचिका लगाई है, उसे याचिका वापस लेने को कहें, जिससे मामला खत्म हो जाएगा और नए परमिट जारी होने लगेंगे।
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