जबलपुर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण (27% OBC Reservation) पर रोक बरकरार है. जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) में इस मसले से जुड़ी 63 याचिकाओं पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने सरकार से कहा आप हमारे कंधे पर बंदूक रखकर गोली न चलाएं. प्रदेश में राजनीति का बड़ा मुद्दा बन चुके इस केस पर की अब 1 अगस्त से नियमित सुनवाई होगी।
मध्य प्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले से जुड़ी 63 याचिकाओं पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने फिलहाल 27 फीसदी आरक्षण पर रोक को बरकरार रखा. वहीं सरकार को स्पष्ट रूप से कह दिया कि किसी की भी अनुपस्थिति में अब सुनवाई नहीं टाली जाएगी. 1 अगस्त से अब आरक्षण मुद्दे पर नियमित सुनवाई की जाएगी।
1 अगस्त से रोज सुनवाई
जस्टिस शील नागू की डिविजन बैंच ने 1 अगस्त से 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर नियमित तौर पर सुनवाई का आदेश दिया है. और हर बार सुनवाई के लिए 1 घंटे का समय तय किया गया है. आज हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि सरकार का पक्ष रखने के लिए सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता उपस्थित नहीं हो पाएंगे. लिहाजा सुनवाई के लिए अगली तारीख दी जाए. इस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की और कहा कि मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई का आदेश दिया है. ऐसे मे ओबीसी आरक्षण पर नियमित तौर पर सुनवाई की जाना सुनिश्चित करना होगा. लिहाजा अब आगे से किसी भी पक्षकार की अनुपस्थिति से सुनवाई नहीं टाली जाएगी।
एमपीपीएससी को फटकार
इसके साथ ही हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एमपीपीएससी की ओर से एक अंतरिम आवेदन भी दिया गया. इस आवेदन में एमपीपीएससी ने 27 अप्रैल 2022 के जबलपुर हाईकोर्ट के दिए गए अंतरिम आदेश में बदलाव की मांग की गई. एमपीपीएससी की ओर से कहा गया कि अदालत 2020 पीएससी की चयन प्रक्रिया में 113 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुमति दे क्योंकि 27 अप्रैल के आदेश से फिलहाल एमपीपीएससी किसी का चयन नहीं कर पा रही है।
एमपीपीएससी की इस दलील पर हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कभी भी चयन प्रक्रिया पर रोक लगाने का आदेश नहीं दिया है. एमपीपीएससी चाहे तो 14 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से चयन प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है. लेकिन इस तरह अंतरिम आवदेन दायर कर नए आदेश की मांग कर एमपीपीएससी हमारे कंधे पर बंदूक रखकर ना चलाए. चयन प्रक्रिया 14 प्रतिशत आरक्षण के हिसाब से पूरी की जा सकती है. बहरहाल अब हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण के मामले पर अगली सुनवाई 1 अगस्त से होगी।
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