इस्लामाबाद। पाकिस्तान में आई खतरनाक बाढ़ की वजह से हालात बदतर हो गए हैं। अब तक 1200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। लाखों लोग बेघर हो गए हैं। बाढ़ की सबसे अधिक मार सिंध और बलूचिस्तान प्रांत पर पड़ी है। पाकिस्तान की राज्य सरकारों के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती लोगों को राहत पहुंचाना है और उनके पुनर्वास के लिए काम करना है। इस बीच बलूचिस्तान की सरकार ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से घोषित 10 अरब रुपए के अनुदान को ठुकरा दिया है।
बलूचिस्तान के कृषि मंत्री मीर असदुल्ला बलूच ने शुक्रवार को प्रांत में बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर से घोषित 10 अरब रुपए के अनुदान को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि नुकसान की तुलना में यह रकम कुछ भी नहीं है। असदुल्ला ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि शुरुआती आकलन के अनुसार प्रांत को 200 अरब से अधिक का वित्तीय नुकसान हुआ है। संचार के पूरे बुनियादी ढांचे और फसल को मूसलाधार बारिश और भारी बाढ़ ने चौपट कर दिया है। प्रांत को यह अनुदान विशान के स्तर की तुलना में कुछ भी नहीं है।
असदुल्ला बलूच ने नुकसान की तुलना में जारी की गई छोटी राशि के लिए पाकिस्तान सरकार की आलोचना की और कहा, अगर बलूचिस्तान में परोपकारी लोग पीड़ितों की मदद के लिए दान करते हैं, तो अकेले वह राशि 100 अरब रुपए से अधिक होगी। उन्होंने कहा कि संघीय और प्रांतीय सरकारों को पुनर्वास की चुनौती का सामना करना के लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए। करीब 13 लाख लोग बेघर हुए हैं।
अभूतपूर्व बाढ़ ने करीब 11 लाख से अधिक घरों को बहा दिया है या फिर उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया है। महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को भी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ के कारण देश भर में कम से कम 18,000 स्कूल क्षतिग्रस्त या नष्ट हो गए हैं। बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि देश के इक तिहाई हिस्सा पानी में डूब गया है। अकेले बलूचिस्तान की बात करें तो इस प्रांत में 250 से अधिक लोगों की मौत हुई है।
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