बलूचिस्तान। बलूच अधिकार कार्यकर्ताओं ने बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में एक विशाल सभा और विरोध प्रदर्शन का एलान किया है। बलूच अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाली कार्यकर्ता महरंग बलूच ने 28 जुलाई को आगामी कार्यक्रम की घोषणा की है। उन्होंने इसे बलूच राष्ट्रीय सभा का नाम दिया है। बलूचों का यह प्रदर्शन जिले में चल रहे बलूच नरसंहार और शोषण के खिलाफ हो रहा है।
महरंग बलूच ने एक्स पर लिखा, “बलूच राष्ट्रीय सभा बलूचों के नरसंहार, मेगा परियोजनाओं की आड़ में बलूचों के संसाधनों की लूट और सुरक्षा के नाम पर बलूचिस्तान को जेल में बदलने के लिए खिलाफ एक ऐतिहासिक सार्वजनिक जनमत संग्रह होगा। एक शक्तिशाली सार्वजनिक प्रतिरोध की शुरूआत होगी।”
यह एलान ऐसे समय में किया गया है, जब कार्यकर्ता आरोप लगा रहे हैं कि बलूचिस्तान के लोगों का दशकों पुराने औपनिवेशिक शासन की तरह उत्पीड़न किया जा रहा है। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक संसाधनों के लिए जाना जाता है और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा जैसी विकास पहल का केंद्र बिंदु रहा है। हालांकि, स्थानीय लोग इन परियोजना का विरोध करते रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें इन परियोजनाओं में कम लाभ मिलता है।
बलूच एकजुटता समिति ने एक्स पर लिखा, “बलूचिस्तान ने सात दशकों तक अत्याचार और दमन झेला है। यह औपनिवेशिक शासन की याद दिलाता है। इस भूमि के मूलनिवासी होने के बावजूद बलूच लोग लगातार खतरे में रह रहे हैं। गायब होने और न्यायेतर हत्याओं का सामना कर रहे हैं और आर्थिक रूप से हाशिए पर रह रहे हैं।”
पाकिस्तान सीपीईसी से बलूचिस्तान के विकास का दावा करता है। लेकिन, ग्वादर के निवासियों को बुनियादी सुविधाओं की कमियों का सामना करना पड़ रहा है। जिसमें चिलचिलाती गर्मी के बीच पीने के साफ पानी और अनियमित बिजली आपूर्ति शामिल है।
बलूच एकजुटता समिति ने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान की ओर से प्रचारित विकास ने हमारी दुर्दशा को और बढ़ा दिया है। हमारे घरों को जेलों में बदल दिया है। जबकि हमारी पैतृक भूमि का आर्थिक लाभ के लिए शोषण किया जा रहा है। बलूच राष्ट्रीय सभा का मकसद कार्यकर्ताओं को राज्य प्रायोजित दमन और आर्थिक शोषण के खिलाफ व्यापक समर्थन जुटाना है। यह आयोजन न्याय, स्वायत्तता और बलूच अधिकारों की मांग के लिए एक सामूहिक प्रदर्शन है।
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