क्वेटा । पाकिस्तान (Pakistan) के बलूचिस्तान में आजाद बलूच आंदोलन (Pakistan Baloch Movement) चल रहा है। इनकी मांग है कि बलूचिस्तान अलग देश बनाया जाए। आजादी के लिए सक्रिय बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) Balochistan Liberation Army ने दावा किया है कि उसने चीन की दूरसंचार कंपनी (Chinese Telecommunications Company) को आग के हवाले कर दिया है। साथ ही उसमें काम करने वाले छह मजदूरों का अपहरण कर लिया। इन मजदूरों की रिहाई संयुक्त राष्ट्र या रेड क्रास की गारंटी पर ही करने का एलान किया है।
बताया जाता है कि इन सभी मजदूरों का अपहरण मारगोट चोखोबी बाध क्षेत्र से किया गया। यहां पर इस समय चीन ने दूरसंचार कंपनियों (Chinese telecommunications company) का जाल बिछाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान इसके सहयोग से बलूचों की जासूसी भी कर रहा है। इसके साथ ही ग्वादर बंदरगाह पर चीन का पूरी तरह अधिकार होने से भी बलूचों में आक्रोश है।
इधर बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद और वायस आफ बलूच मिसिंग पर्सन (Balochistan Human Rights Council and Voice of Baloch Missing Person) के चेयरमैन नसरुल्लाह बलूच ने एक अलग बयान में अगवा मजदूरों को मानवीय आधार पर छोड़ने की मांग की है। जिसका कि फिलहाल इन बलूचों पर कोई असर नहीं दिखाई दे रहा।
बलूच नेशनल पार्टी के अध्यक्ष अख्तर मिंगल यह बात कई बार कह चुके हैं कि बलूचिस्तान 1947 से पहले तक आजाद था। इस पर पाकिस्तान ने अवैध कब्जा जमाया हुआ है और बलूच लोग लगातार अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बलूचों के खात्मे के लिए पाकिस्तान की सरकार ने कई बार सेना के जरिए कई ऑपरेशन चलाए जिनमें सैकड़ों बेगुनाहों का खून बहाया गया। सैकड़ों को जेलों में ठूंस दिया गया, जिनका आज तक कुछ पता नहीं चल सका है। इस अत्याचार का हम विरोध करते रहेंगे जब तक कि हमें न्याय नहीं मिल जाता है ।
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