उज्जैन। निगम के चुनाव तो इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से करवाए जाना हैं और महापौर के सीधे चुनाव का भी गजट नोटिफिकेशन कल शासन ने जारी कर दिया। वहीं पंचायतों के चुनाव चूंकि मतपत्रों से होना हैं, लिहाजा उसके लिए आयोग ने पीला, नीला, गुलाबी और सफेद रंग तय किया है। नतीजतन जिला निर्वाचन कार्यालय इंदौर ने भी मतपत्रों की छपाई के लिए टेंडर बुला लिए हैं। उज्जैन सहित प्रदेशभर में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव का बिगुल बज चुका है। कांग्रेस लाख विरोध करे और कानूनी नोटिस थमाए, मगर होना-जाना इसलिए कुछ नहीं है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में सभी चीजों को स्पष्ट कर चुकी है।
यही कारण है कि न चाहते हुए भी शासन को अभी एकाएक चुनाव करवाना पड़ रहे हैं। महापौर का चुनाव जनता द्वारा ही करवाने का नोटिफिकेशन भी कल जारी हो गया। वहीं दूसरी तरफ वार्ड आरक्षण की प्रक्रिया भी संपन्न हो गई है। हालांकि शासन ने ओबीसी वर्ग का आरक्षण बढ़ाने के लिए दो कवायद की और सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के बाद अपनी पीठ भी थपथपाई। जबकि हुआ उलटा, उज्जैन में ही ओबीसी का एक वार्ड बढ़ गया है। वहीं आयोग ने पंच पद के लिए सफेद, सरपंच के लिए नीले, जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी और जनपद सदस्य के लिए पीले रंंग के मतपत्र को तय किया है। पंचायत निर्वाचन तीन चरणों में होना है, लिहाजा जिला निर्वाचन कार्यालय ने मतपत्रों की प्रिंटिंग के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं, क्योंकि पंचायतों के चुनाव मतपेटी के जरिए ही करवाए जाएंगे। लाखों की संख्या में अलग-अलग रंगों के मतपत्र छपेंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved