जम्मू । देश के पूर्व गृह मंत्री (Former Home Ministerof the Country) दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी (Late Mufti Mohammad Saeed’s Daughter) और महबूबा मुफ्ती की बहन (Mehbooba Mufti’s Sister) रुबिया सईद (Rubia Saeed) के खिलाफ (Against) अदालत में पेश न होने पर (Failing to Appear in Court) जमानती वारंट (Bailable Warrant) जारी किया गया है (Has been Issued) । दिसंबर 1989 कश्मीर में रुबिया सईद के अपहरण से संबंधित एक मामले में यासीन मलिक वर्चुअल माध्यम से मौजूद था और अन्य सभी आरोपी शारीरिक रूप से मौजूद थे।
इससे पहले मुकदमे के दौरान रुबिया सईद ने मलिक की पहचान उसके अपहरणकर्ताओं में से एक के रूप में की थी। सीबीआई की वकील मोनिका कोहली ने कहा, “रुबिया सईद अपहरण का मामला आज के लिए सूचीबद्ध किया गया था। रुबिया को आज अदालत में पेश होना था, लेकिन वह पेश नहीं हुईं, इसलिए उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी किया गया है।” उन्हें फिर से अदालत में तलब किया गया है और सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर है।
सीबीआई के वकील मोनिका कोहली ने कहा कि आरोपी यासीन मलिक को स्पष्ट रूप से कहा गया है कि उसे शारीरिक रूप से पेश होने की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोहली ने कहा, “उन्होंने कहा कि मुझे शारीरिक सुनवाई दी जानी चाहिए, ताकि मैं क्रॉस एग्जामिन कर सकूं। कोर्ट ने कहा है कि हम ऐसा नहीं कर सकते, क्योंकि पहले से ही हाईकोर्ट का आदेश है कि सभी आरोपियों को वर्चुअल मोड के जरिए ही पेश होना होगा।” मलिक ने कानूनी सहायता से इनकार कर दिया और शारीरिक उपस्थिति के लिए जोर दिया।
रुबिया सईद का 8 दिसंबर 1989 को अपहरण कर लिया गया था और 13 दिसंबर 1989 तक उसे बंधक बनाकर रखा गया था। उसे जेकेएलएफ के पांच आतंकवादियों हामिद शेख, अल्ताफ अहमद भट, नूर मोहम्मद कलवाल, जावेद अहमद जरगर और शेर खान के बदले में रिहा किया गया था। अपहरण का मामला, जिसे लगभग तीन दशकों तक ठंडे बस्ते में रखा गया था, जनवरी 2021 में फिर से खोल दिया गया।
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