भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के स्पेशल कोर्ट (Special Court) ने गुरुवार को आरटीओ को पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) और उसके सहयोगी शरद जायसवाल (Sharad Jaiswal) की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल ने ईडी के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार घोष ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को जमानत देने से इंकार कर दिया है. वहीं मामले में सौरभ की कंपनी अविरल फिशरिस भी केस में पार्टी है. कोर्ट ने कंपनी की जमानत खारिज कर दी है.
सौरभ के वकील दीपेश जोशी और शरद के वकील रजनीश बरैया ने सोमवार को जमानत याचिका दायर की थी. ईडी के वकील विक्रम सिंह ने सौरभ और शरद की जमानत का विरोध किया, उन्होंने सोरभ और शरद के कृत्य को गंभीर बताया. वहीं सोरभा के वकील दीपेश जोशी ने ईडी के आरोपों को गलत बताया और जमानत दिए जाने की मांग की थी.
कोर्ट में सौरभ के वकील ने बताया कि सौरभ शर्म के खिलाफ ईडी के पास कोई सबूत नहीं है. सौरभ ने दुबई का वीजा लेने के लिए दुबई की एक नाम कंस्ट्रक्शन कंपनी के ब्रोशर का इस्तेमाल किया था. इसी ब्रोशर के आधार पर सौरभ को 150 करोड़ रुपए के विला का मालिक बताया गया. लेकिन इस बारे में ईडी के पास कोई सबूत नहीं है. ईडी ने मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर सौरभ को जेल में रखा है.
बता दें कि ईडी कोर्ट से सौरभ की मां उमा शर्मा, पत्नी दिव्या शर्मा, जीजा विनय आसवानी और साले रोहित तिवारी को जमानत मिल चुकी है. विशेष न्यायाधीश सचिन कुमार घोष की अदालत ने 10 लाख रुपए के बॉन्ड पर जमानत दी थी. अब सौरभ और चेतन की जमानत याचिका खारिज होने पर 5 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेशी कराई जाएगी.
बुधवार को सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल के अलग-अलग अधिवक्ता कोर्ट में जमानत देने के लिए अपना पक्ष रखा था. बुधवार को ईडी के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार घोष ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को लंच के बाद फैसला सुनाते हुए विशेष न्यायाधीश ने कहा कि मामला बहुत गंभीर है, मामले की गंभीरता को देखते हुए सौरभ शर्मा और शरद जायसवाल की जमानत अर्जी को नामंजूर किया जाता है.
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